शुक्रवार को ही क्यों रिलीज़ होती हैं फ़िल्में
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दुख हूं मैं एक नए हिन्दी कवि का, मुझे कहां बांधोगे किस लय, किस छन्द में?
जब भी हिंदी का कोई बड़ा स्तंभ डगमगाता है तो ऐसा कहा जाता है कि विराट शून्य हो गया है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती. सच भी है.
हरित क्रांति के नाम पर यूं कंपनियों के गुलाम बन गए किसान
देश में हर महीने 70 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर रहे हैं और ज्यादातर में आत्महत्या की वजह किसान पर…
बुक रिव्यू: डार्क नाइट- काम, माया और सौंदर्य में उलझी जिंदगी
प्रिया और माया के आकर्षण में डोलता कबीर, उस दोराहे के जंक्शन पर पहुंचता है, जहां उसकी पुरानी कल्पनाएं जीवित…
