शहीद-ए-आज़म! हम भारतीय, बकवासी हैं।
भगत सिंह। नाम एक वाद अनेक। उन्हें राष्ट्रवादी भी उतना ही सगा मानते हैं जितना कि वामपंथी। पंथ का ज़िक्र… Read More
भगत सिंह। नाम एक वाद अनेक। उन्हें राष्ट्रवादी भी उतना ही सगा मानते हैं जितना कि वामपंथी। पंथ का ज़िक्र… Read More
तुम न, आज कल कुछ भी बोलने लगे हो। अरे मेरी जान! लगता है BHU के VC की आत्मा मेरे… Read More
21 सिंतबर को शाम क़रीब 6 बजे के आसपास भारत कला भवन के सामने एक लड़की के साथ कुछ मनचले… Read More
ग्वालियर से चलकर बनारस की ओर जाने वाली बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस गाड़ी स्ंख्या 11107, अपना पिछला स्टेशन छोड़ चुकी है और… Read More
कॉलेज के आख़िरी दिनों में हमारे रहने का ठिकाना बना मेरठ के गंगानगर का एम ब्लॉक। जिस मकान में हम… Read More
गुज़रा महीना समाचार और ख़बरों के बाज़ार के लिए बड़ा सीजन रहा क्योंकि साल का सबसे बड़ा ख़ुराक मीडिया को… Read More
तुम कल मुझसे मिलने क्यों नहीं आये? अरे बाबा कुछ काम पड़ गया था. ठीक है, जाओ काम करो फिर.… Read More
हम हिंदुस्तानी दोस्ती में बहुत यक़ीन रखते हैं। हम दुश्मन को भी दोस्त मानते हैं। चाहे दोस्ती में सरहद पर… Read More
गुनाहों का देवता जितनी बार पढ़ता हूं हर बार कुछ नया पाता हूं। चन्दर इस बार पहले से ज्यादा भ्रमित… Read More
तुम कहाँ हो आजकल ? क्यूँ क्या हुआ मेरी जान? बस तुम वादा करते हो मिलने का फिर पलट जाते… Read More