भवानी प्रसाद मिश्रः जन्मदिन विशेष – ‘सतपुड़ा के घने जंगल’
अज्ञेय के दूसरे तारसप्तक के कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने इस देश के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आपातकाल तक के… Read More
अज्ञेय के दूसरे तारसप्तक के कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने इस देश के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आपातकाल तक के… Read More
नमस्कार मैं चकित पत्रकार! कुछ बातें हमारे कानों में चींटी की तरह हलती हैं और चुप्पी दाब के निकल जाती… Read More
बचपन में एक बार सुना था कि 24 घंटे में एक बार हर आदमी की जीभ पर सरस्वती बैठती हैं.… Read More
जब भी हिंदी का कोई बड़ा स्तंभ डगमगाता है तो ऐसा कहा जाता है कि विराट शून्य हो गया है… Read More
जब संस्थाओं का मानवीयकरण होता है तो उसकी प्रशंसा और अनुशंसा दोनों इंसानों की तरह होने लगती है. फिर जिन… Read More
बलात्कार पर जब भी कोई कठोर कानून बनाने की मांग होती है, तब बुद्धिजीवियों में से ही तमाम लोग सामने… Read More
जिस उम्र में लोगों को यह न पता हो कि उनके साथ क्या हो रहा है उसी उम्र में उन्हें… Read More
किसी शायर ने ठीक ही कहा है- ज़िंदगी क्या है फ़कत मौत का टलते रहना. वक़्त कई बार इसका… Read More
प्यारे प्रधानमंत्री जी! कुछ लोग प्यार करते हैं. कुछ लोग कारोबार करते हैं. पहले वाले की जिंदगी रो-रोकर बीतती है.… Read More
आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को शुक्रवार को आफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित कर… Read More