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लोकल डिब्बा टीम

अरे भइया! मोदीजी तो बस ले रहे हैं

क्या भइया, इतने बड़े सेठ हो फुटकर नहीं है? दिनभर नोट ही छाप रहे हो और पांच सौ का खुल्ला… Read More

गांव आज भी धर्म नहीं समझ पाते तभी जुम्मन यादव होते हैं और रघुवीर खान

मेरे गांव में जुम्मन यादव होते हैं रघुवीर खान क्योंकि मेरा गांव हिन्दू मुसलमान नहीं जानता Read More

‘भगवान जिस दीवार की आड़ में खड़ा होता है उसे राहुल द्रविड़ कहते हैं’

अपने शानदार क्रिकेट कॅरियर में राहुल द्रविड़ ने जिस समर्पण के साथ, तेंदुलकर, गांगुली और लक्ष्मण के साथ मिलकर टीम… Read More

कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है: गोपालदास नीरज

नीरज ने बॉलीवुड के लिए अनेक लोकप्रिय गीत लिखे। उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार के अलावा पद्मश्री और पद्मभूषण जैसे नागरिक सम्मान… Read More

जनता तो आम आदमी पार्टी को पहले ही एक ‘पार्टी’ मान चुकी है

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा के उम्मीदवारों के नाम जैसे ही सामने आए, लगभग सभी आलोचना करने लगे और बोलना… Read More

सपनों के ‘सी-प्लेन’ पर उड़ता एक आम नागरिक

आज पापा का मेरे 'स्वदेशी' वाले नम्बर पर कॉल आया। बोल रहे थे कि देश में इतना सौहार्द और भाईचारा… Read More

श्रद्धांजलिः नहीं रहे उर्दू ‘गीताकार’ और शायर अनवर जलालपुरी

अनवर ने एक बार कहा था कि छात्र जीवन से ही उनके दिमाग में यह बात थी कि कुरआन तो… Read More

पॉलिटिकल लव: क्या मेरा ‘विश्वास’ तोड़ दोगे?

तुम मेरे लिए कुछ नया कब करोगे? देखो, मैंने तुम्हारे लिए साल को नया कर दिया। चलो फिर न्यू ईयर… Read More

कविताईः नए बरस की आमद और रद्दी होते कैलेंडर का दर्द

बरस के बीतते इन आखिरी दिनों में/ कैलेंडर की अहमियत घट रही है। Read More

कविताई: काल के कपाल पर लिखने-मिटाने वाली ‘अटल’ कलम जो हिंदुस्तान का इतिहास भी लिखती है

थाती से कविता मिली और प्रतिभा से सिंहासन। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के इतिहास के कभी न मिट सकने… Read More