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लोकल डिब्बा टीम

महिलाओं की लड़ाई पुरुषों से नहीं समाज से है

भारत में आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार जैसे विषयों पर महिलाओं कि स्थिति अब भी बहुत ज्यादा नहीं बदल… Read More

क्या है वाल ऑफ़ काइंडनेस की कहानी?

दुनिया में दीवारों की कमी नहीं है। अनगिनत दीवारें हैं। हर घर में कई दीवारें हैं जिन पर छत टिकी… Read More

क्या ठरकी पत्रकारिता के अच्छे दिन चल रहे हैं?

तथ्यपरक सवाल, वस्तुपरख पत्रकारिता, सरकार से उद्देश्यपरक सवाल अब नही पूछे जाते हैं। जनवादी पत्रकारिता अब विरले ही देखने को… Read More

पॉलिटिकल लव- दिल से चाहो तो सब कुछ मिलता है

समझ नहीं आ रहा अपने प्यार की कितनी कीमत चुकानी पड़ेगी? उतनी ही जितनी देश विकास की चुका रहा है.… Read More

बिना गंदगी में उतरे गंदगी साफ नहीं की जा सकती

एक इंसान किसी गन्दगी के ढेर को साफ़ करने का संकल्प ले कर जाता है और गन्दगी के ढेर की… Read More

त्योहार नहीं मातम का दिन है मुहर्रम

  इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम मनाया जाता है। यह कोई त्योहार नहीं बल्कि मातम का दिन… Read More

विरोध करने की आजादी

सच कहने की आजादी से महरूम हैं हम विरोध करने की आजादी में मशरूफ हैं हम इंसान की कौम का… Read More

पॉलिटिकल लव- मोहब्बत में लाठी चार्ज करोगे?

तुम न, आज कल कुछ भी बोलने लगे हो। अरे मेरी जान!  लगता है BHU के VC की आत्मा मेरे… Read More

बेटियों पर लाठी चार्ज कर, बेटी बचा रहे हैं बीएचयू के वीसी

21 सिंतबर को शाम क़रीब 6 बजे के आसपास भारत कला भवन के सामने एक लड़की के साथ कुछ मनचले… Read More

जनवादी पत्रकारिता को तिलांजलि दे चुकी है मेन स्ट्रीम मीडिया

गुज़रा महीना समाचार और ख़बरों के बाज़ार के लिए बड़ा सीजन रहा क्योंकि साल का सबसे बड़ा ख़ुराक मीडिया को… Read More