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दिव्यमान उवाच- हमारी सोच में भयंकर खोट है
कभी-कभी ऐसा होता है हम तृतीय श्रेणी के सिनेमाघर में बैठे होते हैं और कुछ देर शालीनता से बैठने के…
सिर्फ़ कोलकाता पुलिस ही सफेद वर्दी क्यों पहनती है?
पुलिस मतलब खाकी. इसी की तर्ज पर कई फिल्मों के नाम भी पड़े हैं. भोजपुरी में तो ऐसी फिल्मों की…
पुण्यतिथिः ‘आसमान में धान’ की तरह उगने वाले कवि विद्रोही
“मैं किसी से प्रतिवाद नहीं करता तो उसका सिर्फ एक कारण है। मैं इस इंडियन सोसायटी का नेचर जानता हूं।…
