पत्थलगड़ी में इस तरह लिखे जाते हैं संदेश
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पुण्यतिथिः शशि सूर्य हैं फिर भी कहीं, उनमें नहीं आलोक है – मैथिलीशरण गुप्त
यह रिवर्स टैलेंट का दौर है,जब संघर्षों की आवश्यक प्रक्रियाएं रोचक कहानियों के आवरण में सहानुभूतिक शब्दों के टैगलाइन के…
आर्टिकल 370 पर शोर करके बेवकूफ बना रहे हैं कश्मीरी नेता?
प्रैक्टिकली सोचें तो आर्टिकल 370 होने या ना होने से आम जनता को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. अगर महबूबा मुफ्ती या फारूक अब्दुल्ला इसे फिर से लागू
कराने की बात कहें तो यह भी लगभग असंभव है.
भारत को आतंकियों का साथी बताने में लगा पाकिस्तान
कहा जाता है कि कुछ लोग जब सामने वाले से उसके लेवल पर लड़कर जीतने की काबिलियत नहीं रखते हैं…
