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मेट्रो स्टेशन पर उतरने के लिए आर्मी से परमिशन क्यों चाहिए?

फोटो साभार: नवभारत टाइम्स

किसी भी देश की सेना या सुरक्षा एजेंसियां अपने सिक्यॉरिटी सिस्टम और सतर्कता के लिए ही जानी जाती हैं। किसी भी हाल में सुरक्षा व्यवस्था या अनुशासन से समझौता सेना या सुरक्षा एजेंसियों के लिए घातक साबित हो सकता है। सिक्यॉरिटी का ऐसा ही एक उदाहरण दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन पर देखने को मिल रहा है, जहां उतरने के बाद स्टेशन से बाहर आप तभी जा सकते हैं जब आर्मी आपको निकलने की इजाजत दे।

दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन जनकपुर वेस्ट (ब्लू लाइन) से बॉटनिकल गार्डन तक जाती है। इसके बीच में एयरपोर्ट और आर्मी कैंट जैसे इलाके भी आते हैं इसलिए इस लाइन पर सुरक्षा के खास इंतजाम हैं। 29 मई को शुरू हुई इस लाइन के स्टेशन शंकर विहार पर जबकुछ लोगों ने उतरकर बाहर जाने की कोशिश की तो उन्हें आर्मी ने लौटा दिया। हालांकि, कुछ लोगों को उनके आईकार्ड देखने या फिर अपनी पहचान साबित करने के बाद जाने दिया गया।

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रोज दिल्ली मेट्रो से यात्रा करने वाले यात्री पहली बार ऐसा होते देख हैरान रह गए कि आखिर माजरा क्या है? दरअसल, इस लाइन के शंकर विहार स्टेशन पर सेना के जवान तैनात थे और यहां उतरकर बाहर जाने वाले लोगों के आईकार्ड चेक कर रहे थे, जो यहां के स्थानीय निवासी हैं या फिर जो यहां किसी संस्था के साथ काम करते हैं और उसका कोई आईकार्ड उनके पास है, उन्हीं को उतरने दे रहे थे बाकियों को वापस जाने के लिए कह दिया गया।

डीएमआरसी ने इस बारे में बताया कि कैंट एरिया में होने के कारण यह स्टेशन सुरक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील है। यहां पहले से बाहरी लोगों के आने-जाने पर पाबंदी है इसलिए इस स्टेशन से बाहर वही लोग निकले सकेंगे, जो इस एरिया में रहते हैं या यहां काम करते हैं। इसके लिए एग्जिट पॉइंट के पास एक बोर्ड लगाया गया है, जिसपर उन जगहों के नाम लिखे थे, जहां के आईडी कार्ड दिखाकर यहां से एग्जिट किया जा सकता है। डीएमआरसी सूत्रों का कहना है कि इस स्टेशन के लिए जमीन रक्षा मंत्रालय ने इसी शर्त पर मुहैया कराई थी कि यहां पर बाहरी लोगों को आने-जाने की परमिशन नहीं दी जाएगी क्योंकि इससे डिफेंस एरिया और की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है।

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