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क्रिसमस पर पढ़िए दाढ़ी वाले सैंटा क्लाज बाबा का इंटरव्यू

25 दिसम्बर यानी क्रिसमस का दिन, इसको कोई बड़े दिन के रूप में मानता है तो कोई ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में लेकिन इस दिन सबसे ज्यादा चर्चा होती है, सफेद दाढ़ी वाले बाबा की यानी सेंटा क्लॉज की। उनका इंतजार सबको रहता है। वो वाला गाना तो आपने भी सुना ही होगा, जिंगल बेल, जिंगल बेल…..तो आइए कुछ सवाल जवाब करते हैं, इन्हीं दाढ़ी वाले बाबा से। एक और बात, आज फलाने जी छुट्टी पर हैं तो आज मैं यानी ढिमकाने जी आया हूं इंटरव्यू लेने…

ढिमकाने– नमस्कार सेंटा जी और मेरी क्रिसमस
सेंटा– आपको भी मेरी क्रिसमस ढिमकाने जी

ढिमकाने– हम क्रिसमस क्यों मनाए?
सेंटा जी– आप बड़ा दिन मना लीजिए लेकिन जो भी करिए खुशियां बांटिए और सबको खुश करिए। वैसे भी आप सभी इंसानों ने त्यौहारों को धर्मों में बांट दिया है जबकि त्यौहार तो दुनिया में खुशी बांटने आए हुए हैं।

ढिमकाने– बांटने से याद आया, इस बार क्या लाए हैं आप सबके लिए?
सेंटा जी– कुछ नहीं बस अच्छे दिन लाया हूँ, आप सब को देने के लिए और 15-15 लाख रुपये के चेक भी लाया हूँ, सोचा सबको बाट दूं। बाकी कुछ नहीं लाया मैं….अब सरकार तो वादा करके भूल गई है ना, सोचा मैं ही पूरा कर देता हूँ।

ढिमकाने– अच्छा अब आप सरकारी काम भी करने लगे?
सेंटा जी– अच्छा सरकारें काम भी करती हैं, मुझे पता नहीं था, मुझे तो लगा वो बस नाम ही बदलती हैं!

ढिमकाने– वैसे आपका नाम भी सही नहीं लग रहा है हमें तो।
सेंटा जी– अच्छा तो लगाइए यूपी फोन और कह दीजिए कि हमारा भी नाम बदल दें। साथ ही यह भी जरूर बता दें कि जिनका नाम बदले थे वहां कुछ फर्क आया है, नाम बदलने के बाद या भी बस नाम ही बदला है? अगर फर्क आया है तो अपना नाम मोईजी क्यों नहीं रख लेते!

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ढिमकाने– आप ये लाल कपड़े क्यों पहनते हैं?
सेंटा जी– अच्छा आप लाल कपड़े में वामपंथ तो नहीं खोज रहे हैं ना? वैसे हम तो बस कपड़े ही पहनते हैं, कई लोग तो घर, कपड़े, बस सब एक ही रंग में करवा रहे हैं, थोड़े सवाल उन से भी करिए।

ढिमकाने– लोग कहते हैं कि आप जोकर हैं और आपके जैसी ड्रेस पहनकर जोकर बन जाएंगे?
सेंटा जी– अच्छा मैं समझ गया, ये लोग नागपुर वाले होंगे तो पहले ठंड में भी हाफ पैंट पहना करते थे और एक बात और सुन लीजिए जोकर बस खुशियां ही बाटता है। बाकी वो क्या करते हैं, सब जानते हैं तो उनकी तो बात छोड़ ही दें आप।

ढिमकाने– सेंटा जी आपका आधार कार्ड बना?
सेंटा जी– क्यों उसका क्या काम है और वैसे भी मैं आपके देश का हूं भी नहीं। वैसे जिनके बने थे वो भी आपके देश में हैं नहीं, वे हमारे यहां मजे कर रहे हैं जी।

ढिमकाने– नहीं-नहीं सेंटा जी, हमारे यहां तो भगवान का भी आधार कार्ड बन जाता है बस इसीलिए पूछा।
सेंटा जी– हां आप लोग पहले भगवान का आधार कार्ड बनवाते हैं और फिर उनका कास्ट सर्टिफिकेट और उनका धर्म भी आप ही लोग डिसाइड करते हैं। आपके यहाँ तो जितने मुंह उतनी बातें, सही बोला न मैंने?

ढिमकाने– चलिए छोड़िए, ये बताइए आप हनुमान जी से मिले थे क्या, आज कल में?
सेंटा जी– हां मिला था, आजकल वह थोड़ा परेशान हैं, बोले पहले मेरे प्रभु का इस्तेमाल कर रहे थे अब मेरा शुरू कर दिया है।

शुक्रिया सेंटा जी इस व्यस्त वक़्त में हमें समय देने के लिए, आपने कई अहम सवालों के जवाब दिए और हमारी आँख खोलने का काम किया। ऐसे आते रहे आप हर साल और खुशियां बाटते रहें। बाकी आपको हमारी तरफ से बड़े दिन की और क्रिसमस की बधाई।