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पॉलिटिकल लव: बस 2019 में शादी से पहले कर्नाटक वाले मामा मान जाएं

तुम्हें पता है भगवान का गूगल कौन था?
अरे बाबा उस टाइम तो इंटरनेट ही नहीं था तो गूगल कौन होगा!
तुम्हें कुछ नहीं पता है नारद जी गूगल की तरह सब जानते थे।
यार तुम भी कहाँ गुजू भाई की बात में आ रही हो।
अरे वो झूठ क्यों बोलेंगे।
अरे वो झूठ नहीं बोल रहे बस आजकल नागपुर वाला माल फूँक रहे हैं।
अच्छा जी और तुम कहाँ वाला फूंक रहे हो?
मैं तो प्यार वाला।

 

तुम एमपी गए थे न?
हां बाबा गया था कुछ काम से।
अच्छा इधर आओ, सीना दिखाओगे अपना?
अरे क्यों क्या हुआ सीने पर?
अरे कुछ नहीं एमपी आजकल सीने पर बहुत कुछ लिख रहे हैं।
अरे चिंता मत करो मैं किसी जात का हूँ ही नहीं, तो वो क्या लिखेंगे?
वो तुम्हारे सीने पर बेजात लिख देंगे और क्या।

 

यार प्यार में कुछ सही नहीं हो रहा है।
चलो फिर प्यार को गोद दे देते है।
किसको गोद में दोगे जी ?
किसी उद्योगपति की गोद दे देंगे?
अरे तो उद्योगपति अपने उद्योग का ही भला करेगा प्यार का नहीं।
अच्छा फिर चलो लाल किला चलते हैं।
अरे पागल अब वो लाल किला नहीं ‘डालकिला’ है।

 

यार घर वाले कब मानेंगे ?
2019 तक उम्मीद है मान जाएंगे।
ठीक है यार एक बार मान जाए तो गंगा नहा आऊंगा।
ठीक है लेकिन पहले कर्नाटक वाले मामा का मानना भी जरूरी है।
वो तो मान जाएंगे यार कितना कुछ कर रहा हूँ उनके लिए।
अच्छा वो मान जाएंगे तो कहाँ जाओगे?
तब मैं मानसरोवर चला जाऊंगा।

 

क्या हुआ बड़े परेशान दिख रहे हो !
यार रोज नौकरी ढूंढने निकलता हूँ मिलती ही नहीं है।
अरे नौकरी ढूढ़ने में वक़्त क्यों गवाते हो।
तो क्या करें पान की दुकान खोल ले क्या?
खोल लो दुकान पर सरकार की परमिशन ले लेना।
उसके लिए भी वक़्त गवाना पड़ेगा।
वक़्त क्यों गवाना है त्रिपुरा चले जाओ।

 

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तुम क्या कर रहे हो?
यार सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा हूँ।
लेकिन तुम तो मेकेनिकल के हो न!
तो क्या हुआ?
तो तुम सिविल कैसे दे सकते हो !
अरे बाबा त्रिपुरा वाले कि बात में मत आओ सब दे सकते हैं।

 

तुम ड्रिंक तो नहीं करते हो?
अरे बाबा नहीं ना मैं यादव हूँ और न राजपूत ।
अच्छा फिर क्या हो तुम?
मैं तो बेजात आदमी हूँ।

 

तुम मुझे लाल आँख दिखाने की बात कर रहे थे?
अरे वो मैं नहीं था बाबा कोई और था।
अच्छा तुम तो मेरी चीज़ों का बहिष्कार कर रहे थे!
अरे बाबा वो मैं नहीं कुछ पागल कर रहे थे कि मैं करूँगा विरोध।
अच्छा ठीक है सही हुआ ठीक टाइम पर अकल आ गई तुम्हें।
अच्छा तो अब कुछ करो मेरे लिए।
अच्छा रुको गाना बजाती हूँ।
कौनसा बजाने वाली हो जी?
अरे वही तू तू है वही…..

 

यार चावल दे दो न।
नहीं तुम्हें नहीं मिलेगा चावल।
अरे मैं कौन सा खुले में शौच कर रहा हूँ ?
तुम मुझे पॉन्डिचेरी का समझ लिए हो?
अरे बाबा मुझे लगा तुम भी उसी बात को लेकर नहीं दे रही हो चावल!
मैं तो इसलिए चावल नहीं दे रही थी चावल कम खाओगे तो जल्दी मोटे नहीं होंगे।
सो स्वीट कितनी केयरिंग हो तुम।

 

तुम लोकल डिब्बा ठेके पर दे रहे हो क्या?
अरे हम लोग केअर कर लेते है अपने लोकल डिब्बा की।
अच्छा हां, तुम्हारे पास तो खास पॉलिटिकल लव वाला ईंधन है।
वो तो है ऊपर से गज़ब की टीम भी है।
अच्छा तभी लोकल डिब्बा बड़ा स्मूथ चलता है।

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