जब किसी ऐसे बन्दे को प्यार हो जो बहुत खाता हो तो क्या होगा ….
यार तुम मुझे अपना बना लो, मैं हरदम समोसे के आलू जैसा तुम्हारे साथ रहूँगा
नहीं यार मैं थोड़ा चाइनीज पसंद करती हूँ, पता नहीं तुम कहीं छोले कुलचे जैसा बोर निकले तो क्या होगा
नहीं-नहीं मैं कभी छोले कुलचे नही बनूंगा, बोलो तो मोमोज बन जाऊं, गोभी की तरह हरदम तुम्हें दिल में रखूंगा
अच्छा, कितना पसंद करते हो मुझे?
तुम मुझे उतना पसंद हो जितना डोसा पसंद होता है साउथ में, वो इसके बिना नहीं रह सकते और मैं तुम्हारे बिना
पसंद तो मैं भी तुम्हे करती हूँ, जैसे मुंबई को बड़ा पाव और सैंडविच को करते हैं।
अच्छा बताओ, मैं तुम्हारी लाइफ में कितनी इम्पोर्टेंट हूँ?
उतनी ही जितनी मेरी जिंदगी में मेरी चाय है,
अच्छा पता है, तुम्हें जब तुम बोलती हो न तो एकदम ग्रिल सैंडविच लगती हो और सुनकर दिल भर जाता है,
बोलते तो तुम भी अच्छा हो, बातों को बड़ा खींच देते हो पिज़्ज़ा की तरह,
तुम मुझे बड़ी सीधी लगती हो देखने में लेकिन जब करीब आया तो तुम जलेबी से भी ज्यादा टेढ़ी निकली,
अरे तुम गुस्सा हो गई, एकदम गुलाबजामुन लग रही हो, माखन मत लगाओ तुम एक नंबर के पेटिस हो हरदम बेस्वाद
अच्छा तुम बताओ मैं कैसे हूँ, तुम एकदम वेज थाली हो थोड़ा सा स्वाद है लेकिन पेट पूरा भर जाता है
चलो अब तुम मुझे अपना लो जैसे इंडिया ने मोमोस को अपना लिया ।
अच्छा एक बात बताऊँ, मैं तुम्हें प्रपोज़ करने से पहले डर रहा था जैसे कि तुम मटन हो, तुम भी न मतलब कुछ भी,
आजकल लोग जलने लगे हैं जैसे नए लड़के के हाथों से रोटियां जलने लगती है,
तुम मेरे पास हो न इसलिए, कभी-कभी तो मछली जैसी बदबू भी आती है, हाहाहा
तुम जब गुस्से में कुछ बोलती हो न तो हरी चटनी की तरह लगती हो, डर लगता है कही तीखा न लग जाए लेकिन मैं खाता रहता हूँ,
अच्छा तुम एक बात बताओ, तुम गुस्सा क्यों नहीं होते? नमक हो क्या?
नहीं चीनी हूँ घुल जाता हूँ
तुम थोड़े तो चटपटे हो जाओ, गोलगप्पे के पानी की तरह, कब तक ढोकला बने रहोगे
चलो अनियन उत्पम हो जाते हैं, एक दूसरे में ऐसे मिल जाएं की कोई अलग ना कर पाए