मैं पूजा नहीं कर रही थी, एक बच्चे को प्यार कर रही थी- इस्मत चुग़ताई
ज़ंजीर कोई भी हो, अगर टूटेगी तो आवाज़ होगी. साहित्य और अदब में भी जब कभी कोई ज़ंजीर टूटती है,… Read More
ज़ंजीर कोई भी हो, अगर टूटेगी तो आवाज़ होगी. साहित्य और अदब में भी जब कभी कोई ज़ंजीर टूटती है,… Read More