निर्मला सीतारमण बजट

ग्रामीण भारत

‘हर घर पानी, सबको मकान’ बड़े धोखे हैं इस राह में…

जब से समाज समझने की समझ पैदा हुई, यही सुनते आए हम कि भारत की आत्मा गांव में बसती है. सबको पता है, लेकिन उस आत्मा का ख्याल क्यों कोई नहीं रखता. रखना चाहिए न?
नहीं रखेंगे, तो भारत का तो मरना तय है. शर्तिया.