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हिंदी गजल

हर सरहद को तोड़ ही देगी आज़ादी…

हर सरहद को तोड़ ही देगी आज़ादी दुनिया भर को घर कर देगी आज़ादी. दिल में रह-रह मौज उठेगी आज़ादी… Read More

मिलती मुद्दत में है और पल में हँसी जाती है

आप की याद भी बस आप के ही जैसी है, आ गई यूँही अभी यूँही अभी जाती है। Read More

कभी तो सामने आ बे-लिबास हो कर भी

कभी तो सामने आ बे-लिबास हो कर भी, अभी तो दूर बहुत है तू पास हो कर भी. तेरे गले… Read More

अग्नि वर्षा है तो है हां बर्फ़बारी है तो है

दुष्यंत चले गए. उनकी ग़ज़लें अमर हैं. जिन्होंने दुष्यंत कुमार को नहीं देखा, वे एहतराम साहब से मिल सकते हैं.… Read More

दुष्यंत कुमारः वह शायर जिसके शेर क्रांति के शंखनाद से कम नहीं

1933 के वक्त के भारत की बात करें तो आजादी का संग्राम और देशभक्ति से ओत-प्रोत साहित्य अपने पूरे उफान… Read More