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कविता

मिलती मुद्दत में है और पल में हँसी जाती है

आप की याद भी बस आप के ही जैसी है, आ गई यूँही अभी यूँही अभी जाती है। Read More

कभी तो सामने आ बे-लिबास हो कर भी

कभी तो सामने आ बे-लिबास हो कर भी, अभी तो दूर बहुत है तू पास हो कर भी. तेरे गले… Read More

अग्नि वर्षा है तो है हां बर्फ़बारी है तो है

दुष्यंत चले गए. उनकी ग़ज़लें अमर हैं. जिन्होंने दुष्यंत कुमार को नहीं देखा, वे एहतराम साहब से मिल सकते हैं.… Read More

गांव आज भी धर्म नहीं समझ पाते तभी जुम्मन यादव होते हैं और रघुवीर खान

मेरे गांव में जुम्मन यादव होते हैं रघुवीर खान क्योंकि मेरा गांव हिन्दू मुसलमान नहीं जानता Read More

काश! इश्क़ की बातें होतीं

काश के मेरा नाम इश्क़ होता तुम्हारा नाम भी इश्क़ होता क्या होता जब सबका नाम इश्क़ होता। हम जिस… Read More

हैप्पी बड्डे: फिराक गोरखपुरी साहब

हर किसी की जिंदगी के समानांतर एक और जिंदगी होती है और यह सबको दिखाई नहीं देती । यह जिंदगी… Read More