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हिंदी नज़्म

रात दरवाज़े पर दस्तक दे रही है

रात अब दरवाज़े पर खड़ी है रह-रह के सायरन की सदा आ रही है. Read More

हर सरहद को तोड़ ही देगी आज़ादी…

हर सरहद को तोड़ ही देगी आज़ादी दुनिया भर को घर कर देगी आज़ादी. दिल में रह-रह मौज उठेगी आज़ादी… Read More