रात दरवाज़े पर दस्तक दे रही है
रात अब दरवाज़े पर खड़ी है रह-रह के सायरन की सदा आ रही है. Read More
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अब नहीं हैं प्रणययार्थी, न उनकी गणिकाऐं, वो गदिराए बदन भी नहीं हैं जिनपर लिख सको कामसूत्र जैसा ग्रंथ तुम… Read More
इसी इक मोड़ पर अक्सर गिरा जाता है ऊंचाई से अपनी ज़ात और ख़ाका मिटाया जाता है सब कुछ हो… Read More
दुष्यंत चले गए. उनकी ग़ज़लें अमर हैं. जिन्होंने दुष्यंत कुमार को नहीं देखा, वे एहतराम साहब से मिल सकते हैं.… Read More
नागार्जुन की खासियत है कि उन्हें कोई अनगढ़ साहित्यकार पढ़े तो भाषाई रूप से समृद्ध हो जाए. Read More
नज़र आता है डर ही डर, तेरे घर-बार में अम्मा नहीं आना मुझे इतने बुरे संसार में अम्मा. यहाँ तो… Read More
नीरज ने बॉलीवुड के लिए अनेक लोकप्रिय गीत लिखे। उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार के अलावा पद्मश्री और पद्मभूषण जैसे नागरिक सम्मान… Read More
बरस के बीतते इन आखिरी दिनों में/ कैलेंडर की अहमियत घट रही है। Read More