आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच शुरू हुई एशेज सीरीज के साथ ही विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की शुरुआत हो गई है. अभी तक सिर्फ वन-डे और टी-ट्वेंटी के ही विश्व चैम्पियन होते थे अब टेस्ट के भी विश्व चैम्पियन होंगे.
दरअसल, टेस्ट चैम्पियनशिप एक प्रकार से टेस्ट मैचों का वर्ल्ड कप है, जो करीब दो साल तक खेला जाएगा. इस चैम्पियनशिप का फाइनल मैच लॉर्ड्स में जून (10-14) 2021 में होगा. इन दो सालों में कुल 27 सीरीज होगीं जिसमें 72 टेस्ट मैच खेले जाएंगे. दिलचस्प बात यह है कि दोनों टीमों के खिलाड़ी नाम और जर्सी नंबर के साथ मैदान पर उतरेंगे.
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में नौ टीमें भाग लेंगी. ये वे नौ टीमें हैं जो, 31 मार्च 2018 को आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष नौ पर थीं. इनमें भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और वेस्टइंडीज शामिल हैं.
प्रत्येक टीम 6 टीमों के साथ सीरीज खेलेगी. हर टीम 3 अवे सीरीज और 3 होम सीरीज खेलेगी. हर सीरीज के 120 अंक होंगे. दो मैचों की सीरीज में एक मैच के 60 अंक होंगे जबकि तीन मैचों की सीरीज में एक मैच के 40 अंक होंगे. ड्रा और टाई पर अलग-अलग अंक रखे गए हैं.
अब सवाल यह है कि इतनी लंबी सीरीज क्यों रखी गई है. दरअसल, टेस्ट क्रिकेट को हमेशा से ही पारम्परिक क्रिकेट का प्रारूप माना जाता है. कहा जा रहा है कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के दौरान टेस्ट क्रिकेट को एक नया आयाम मिलेगा और इसमें लोगों को फिर से रूचि देखने को मिलेगी.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि पिछले कई वर्षों में टेस्ट क्रिकेट की तरफ दर्शकों का रुझान कम हुआ है. टेस्ट चैम्पियनशिप कारगर साबित हो सकती है. लेकिन यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि इस दौरान क्या ICC टेस्ट चैम्पियनशिप को वनडे और टी-ट्वेंटी कितना ही दर्शकों को रिस्पांस मिलता है या नहीं.