अरे वाह अब तो चोर भी बोला जोर से! भाई जब तालिबानी नेता आम नागरिकों, पृथ्वी और पेड़ पौधों के भलाई की बात करने लगे तो कहना ही पड़ेगा न कि देखो चोर बोला ज़ोर से…
दरअसल दुनिया के सबसे नामी आतंकवादी संगठनों में से एक तालिबान ने अपने आम अफ़गानी नागरिकों और लड़कों से ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की अपील की है। अपने एक बयान में तालिबानी नेता हैबतुल्ला अखुन्दज़दा ने अफगानों से पृथ्वी की ख़ूबसूरती और अल्लाह के लिए पेड़ लगाने की अपील की है। अजीब बात हैं न! कि जो दुनिया में ख़ुद गोलियों और बारूद की बुआई करता है वो आज पेड़ पौधों की रोपाई करने की बात कर रहा है।
आपको बता दें कि फ़िलहाल अफ़गानिस्तान वनों की कटाई की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। यहाँ खेतों में तालिबान अवैध रूप से अफीम की खेती करता है और लोग लकड़ियों को बेचने और जलाने के लिए पेड़ अवैध रूप से बड़े पैमाने पर काटते हैं। मतलब पूरी की पूरी प्रकृति यहाँ त्रस्त है। ऐसे में पर्यावरण बचाओ का बयान तालिबान की तरफ से आये तो एक नज़र उनके इस नये नेता पर भी जाती है। दरअसल पिछले ही साल मई महीने में हैबतुल्ला को तालिबान का नया नेता बनाया गया है और तालिबान के नेता की साख एक धार्मिक नेता के रूप में एक सैन्य प्रमुख से ज्यादा होती है।
इस खास संदेश को तालिबान के कई केन्द्रों से भी जारी किया गया है। तालिबानी नेता ने अपने बयान में कहा है “पर्यावरण के बचाव में वृक्षारोपण की अहम भूमिका होती है, इसके साथ ही आर्थिक प्रगति और धरती को ख़ूबसूरत बनाने में भी वृक्षारोपण का ख़ास योगदान है।’’ इसका उल्लेख अफ़गान तालिबान वाइस आँफ जिहाद वेबसाइट पर भी है। यह बयान तालिबान की पहचान के बिलकुल उलट है जैसे कि अगर शेर कहे कि “मैं सिर्फ घास खाऊंगा”। इंसानियत को खाने वालों का खलिफा, जो अफ़गान सरकार और नेटो सहयोगियों को मिटाने की धमकियों के लिए जाना जाता हो वो ऐसी शांति प्रिय बात करे तो बात पेट में नहीं पचती।
अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ गनी के प्रवक्ता शाह हुसैन मुर्तजवी ने इस बयान को लोगों को धोखा देने वाला बताया है, ताकि तालिबान के अपराध और विनाशकारी रवैये से लोगों का ध्यान हटे। फ़िलहाल तो तालिबान को इस बात पर भी ताली नहीं मिल सकती। दुनिया इसके आतंक को सदा गालियों से ही नवाजेगी क्योंकि आतंक और गोलियों के खेतिहर को तालियों से नहीं नवाजा जाता।