दंगल गर्ल के नाम से मशहूर 17 वर्षीय बाल अभिनेत्री ज़ायरा वसीम ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करके यह बताया कि दिल्ली-मुम्बई विमान में उनके साथ यात्रा के दौरान एक अधेड़ व्यक्ति ने छेड़छाड़ की। ज़ायरा ने उस वीडियो में रोते हुए कहा कि, मैं दिल्ली से मुम्बई जाने वाले एयर विस्तारा के विमान से यात्रा कर रही थी और यात्रा के दौरान पीछे बैठे एक व्यक्ति ने अपने पैर से मेरी कमर रगड़ी। उन्होंने इस घटना की शिकायत उस वक़्त मौजूद क्रू के सदस्यों से भी की लेकिन उन्होंने उनकी कोई मदद नहीं की। यह घटना वाकई में थोड़ी असहज करने वाली है, क्योंकि एक 17 साल की बच्ची के साथ यह सब होना शर्म की ही बात है। वह एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं और उन्होंने इस छेड़छाड़ के खिलाफ आवाज उठाई और उस घटना को लोगों तक पहुँचाया, जिसके परिणामस्वरूप नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने विमानन कंपनी से रिपोर्ट तलब की है, उम्मीद है जल्दी ही उस व्यक्ति पर उचित कार्रवाई भी ही जाएगी।
बात आसमान की है, यह घटना आसमान में हुई और एक बड़ी हस्ती के साथ हुई, इसलिए इस घटना पर हो हल्ला होना लाज़िमी है क्योंकि अब बात छिड़ी है तो दूर तक जायेगी ही, लेकिन जमीन पर तो हजारों ऐसी घटनाएं हर रोज होती रहती हैं, जिनमें से हमें लगभग 95 प्रतिशत घटनाओं की कोई खबर ही नहीं मिलती। खबर न मिल पाने की वजहें कई सारी हैं या तो जिसके साथ छेड़छाड़ होता है वो खुद ही खामोश हो जाती है या अगर किसी वजह से खामोश नहीं हो पाती तो उसका बलात्कार और फिर हत्या करके किसी नदी-नाले में फेंककर खामोश कर दिया जाता है। छेड़छाड़ के बारे में सुनते हुए बहुत से लोगों के यह विचार सुनने को मिलते हैं कि इतनी छोटी सी बात को इतना क्यों उछला जा रहा है, बस छोटी सी छेड़खानी ही तो हुई है लेकिन उन्हें ये भी पता होता है ये छेड़छाड़ तो सिर्फ एक शुरुआत है, जो बाद में चलकर बलात्कार जैसी वीभत्स घटना का रूप ले लेती है। अगर यह घटना किसी बहुत दबे-कुचले शोषित ( मैं सिर्फ दलितों को नहीं कहूँगा) समुदाय की लड़कियों के साथ होती तो यह घटना उनके दबे वज़ूद की तरह ही इस विशाल देश में कहीं दब जाती और एक सच्चाई यह भी है कि ऐसी घटनाएं हर रोज दबती भी हैं।
फिलहाल ज़ायरा के इस वीडियो पर सोशल मीडिया में बहुत सारी प्रतिक्रियायें भी आ रही हैं, एक बड़ा वर्ग उनके समर्थन में भी हैं लेकिन एक और वर्ग है छोटा ही सही जो इसे पब्लिसिटी स्टंट का नाम दे रहा है, हालांकि यह वर्ग हर बार ऐसी घटनाओं के वक़्त जाग उठता है और इस वर्ग में कुछ ऐसे भी हैं जो उस व्यक्ति से भी खतरनाक सोच रखने वाले हैं, जो उस विमान में ज़ायरा को छेड़ रहा था फिर भी इस सोच के लोग खुलकर अपना वहसीपना आए दिनों सोशल मीडिया पर दिखाते रहते हैं। हम फिर वही बात कह कर कि, “आखिर हम कहाँ जा रहे हैं आखिर हम किस समाज की तरफ अपने कदम बढ़ा रहे हैं?” इस बड़े प्रश्न को छोटा नहीं करना चाहता क्योंकि अब तो इंसान खुद ही एक ऐसा पेचीदा प्रश्न बनता जा रहा है, जिसका उत्तर शायद ही कोई ढूंढ पाए।