लक,लेबर,चोरी चांस अगर यह चारों आपको मिल जाये तो दुनिया की किसी भी परीक्षा में आपको पास होने से कोई नहीं रोक सकता।और यह बात तो बिहार की है जहाँ टॉप करने में भी घोटाला हो जाता है। बिहार परीक्षाओं में चीटिंग करने की नई नई तकनीक दिन पर दिन उजागर करता जा रहा है। चिप, ब्लूटूथ इत्यादि तो सुने थे पर चड्डी –बनियान द्वारा चीटिंग ,अईसा कौन करता है भाई? गजबे हो तु बिहार के लाला। जुलुम करले बाड़ू तु सब दादा,जुलुम……….।
बिहार के नवादा जिले में नक़ल कराने के आरोप में 28 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. पटना पुलिस ने सरकारी नौकरी के लिए होने वाली परीक्षाओं में नक़ल करवाने की तैयारी कर रहे गिरोह का पर्दाफाश किया है। ये गिरोह बिहार एसएससी परीक्षा में नक़ल की तैयारी से लैस था। ये गिरोह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के ज़रिये प्रतियोगी परीक्षाओं में नक़ल कराते थे। शनिवार को जो सामान इस गिरोह से बरामद हुए हैं उसमें एटीएम कार्ड जैसे मोबाइल फ़ोन के साथ बनियान और दूसरे कपड़े भी शामिल हैं। दरअसल यह गिरोह उम्मीदवार को बिना बटन वाला एक ख़ास तरह का मोबाइल फ़ोन देता था जो एटीएम कार्ड जैसा दिखता था और इसे जूते में छिपाकर रखा जाना था।इस मोबाइल पर फ़ोन कॉल ख़ुद-ब-खुद रिसीव हो जाता। उम्मीदवारों की उम्मीद शर्ट के कालर, बनियान में लगे ब्लूटूथ डिवाइस से जुड़ी रहती और खटा-खट सवालों के जवाबों द्वारा पूरी हो जाती।
नक़ल कराने के बदले चार लाख रुपए लेने की बात सामने आई है। पुलिस के मुताबिक़ यह गिरोह पैसे लेकर 150 छात्रों को नक़ल कराने की तैयारी में था। इतना ही नहीं बिहार में बोर्ड परीक्षाओं में नकल करने के आरोप में सोलह सौ छात्र-छात्राओं को बिहार की परीक्षा से निष्कासित कर दिया गया है।वैसे ये कोई नई बात नहीं है। पिछले साल भी टोपर्स घोटाला अपने आप में नकल की अद्वितीय कहानी थी। नकल की यह अधिकांश घटनाएं छपरा, मोतिहारी, वैशाली, शेखपुरा, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया, भागलपुर और जहानाबाद ज़िले की हैं। पर जिला चाहे जो भी हो नक़ल का जुगाड़ बड़ा तगड़ा था।वो तो पकड़े गए नहीं तो तरकारी बेचने वाले भी सरकारी नौकरी करते हुए पाए जाते।