गजब भयो रामा जुलम भयो रे

आज तो नेता जी का जी जाने कैसा कैसा कर रहा होगा, ‘जब मन से है मुलायाम’ पर अखिलेश भईया ने अपना लोह समान इरादा सच करके दिखा दिया | हाय रे ! अपने ही बेटे ने पापा को समाजवादी पार्टी से गैरसमाजवादी घोषित कर दिया और एकलौता दुपहिया साइकिलिया भी हथिया लिया| बरहाल 1968 से आवंटित “समाजवादी” नाम और साइकिल का चिन्ह आज नेताजी की समाजवादी पार्टी नहीं बल्कि भईया जी की पार्टी ले गई |

चुनाव आयोग ने 228 में से 205 विधायकों ,68 में से 56 एमएलसी, 15 सांसदों और चार हज़ार राष्ट्रीय सदस्यों के साथ अखिलेश खेमे को ही असली समाजवादी पार्टी घोषित कर दिया है |भईया जी के वकील साहब कपिल सिबल से जहां केस जितवा दिये वहीँ सुनने में आ रहा है कि भाभी डिंपल के साथ इस बार बहन प्रियंका गाँधी एक साथ चुनाव प्रचार करके इस नये गठबंधन का शुभ आरंभ करेंगी|कुछ भी हो इस बार दंगल में हमारे नेताजी को पटखनी खानी पड़ी |बेटे की बेवफाई तो समझ में आती है पर चुनाव आयोग को दस्तावेज देने में मुलायाम की ढिलाई समझ नहीं आती | चुनाव आयोग के फैसले में साफ़ साफ़ कहा गया है कि नेताजी अच्छे से होमवर्क करके नहीं आये यानि 9 जनवरी तक का वक़्त देने पर भी कोई ठोस पक्ष ना रख सकें | इसी के बाद प्रोफेसर साहब और सिबल ने 13 जनवरी को इसे मुद्दा बना अपना मजबूत पक्ष रख पूरा खेल अपने नाम कर लिया | अखिलेश खेमे में ख़ुशी की लहर है और अपने ही साइकिल से उतारे जाने पर मुलायम खेमें में दुखदायी शीत लहर | कोई नहीं ये वक़्त वक़्त की बात है मर्सिडिज़ और लम्बोरगिनी में चलने वाले यादव आज साइकिल पर लड़ रहे थे |ज्यादा कुछ नहीं हुआ बाप को अपने ही साइकिल से उतार बेटा साइकिल ले उड़ चला और बाप गाता रहा गजब भयो रामा जुलम भयो रे ……..