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मोदी को खटकी ‘बल्लेबाजी’ बोले- नहीं चाहिए पार्टी में ‘बल्लेबाज’

बीजेपी का बल्लेबाज विधायक आकाश विजयवर्गीय.

जनता जिन्हें चुनकर संसद या विधानसभा में भेजती है, उनसे उम्मीद की जाती है कि वे शालीनता से जनता के मुद्दे सदन में रखेंगे और जनहित की बात करेंगे. यह भी उम्मीद की जाती है कि उन्हें व्यापक तौर पर लोग फॉलो करते हैं, इसलिए उनका व्यवहार ऐसा हो जो एक गुंडे की छवि से इतर हो लेकिन इंदौर में जो हुआ गुंडा और नेता के बीच की बारीक रेखा भी मिट गई.

भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के दिग्गज नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और इंदौर से विधायक आकाश विजयवर्गीय ने एक नगर निगम के अधिकारी की क्रिकेट के बैट के साथ पिटाई की. उसे गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन जब वह जमानत पर बाहर आया तो बीजेपी को सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता वहां उसका स्वागत करते नजर आए.

ऐसा लगा कि लोकतंत्र में गुंडई की पूजा बेहद जरूरी है. गुंडों की आरती होनी चाहिए. यही हुई भी. जब आरोपी विधायक बाहर आया तो उसने कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि मुझे किसी के खिलाफ दोबारा ‘बल्लेबाजी’ का अवसर न मिले. भारत में नेता इतने सक्षम होते हैं, कि न्यायपालिका को ध्वस्त कर देना चाहिए. इतना जनसमर्थन है, तो सारा अधिकार इन्हें ही दे दो. ये ही पीटें, ये ही ठोकें.

आज(मंगलवार) को सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई है. उसी दिन जता देते तो बेहतर था. बीजेपी की संसदीय दल की बैठक चल रही थी. प्रधानमंत्री मोदी ने यहीं पर पार्टी नेताओं को सामने यह बात कही. बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने बताया, ‘प्रधानमंत्री बहुत नाराज थे. उन्होंने कहा कि बदसलूकी करने, पार्टी को बदनाम करने या सार्वजनिक रूप से अहंकार दिखाने का हक किसी के पास नहीं है. उन्होंने कड़े शब्दों में यह बात कही. साथ ही कहा कि ऐसी हरकतें स्वीकार नहीं है.’

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एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से एक खबर लिखी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे किसी का बेटा हो, उसे पार्टी से निकाल देना चाहिए. इसके साथ ही पीएम मोदी ने यह भी कहा है कि जिन्होंने भी उनके जेल से बाहर आने के बाद स्वागत किया है, उन्हें भी पार्टी से बाहर कर देना चाहिए. लेकिन सच में? मोदी ऐसी घटनाओं के खिलाफ हैं. लगता नहीं. मॉब लिंचिंग की इतनी घटनाएं हो रही हैं, पीएम मोदी कुछ नहीं कर पाते. कई बार लगता है कि या तो यह देश उनके हाथ में नहीं है, या उनकी चलती नहीं है. या उनकी नजर नहीं पड़ती इन घटनाओं पर.

ट्विंकल खन्ना का ट्वीट पढ़ने का समय है, लेकिन इतना जानने का नहीं कि देश में चल क्या रहा है. अद्भुत लीला है, प्रभु की. अगर यह खबर सूत्रों के हवाले की जगह सच के हवाले से है, तो क्या पार्टी पिता-पुत्र के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के मूड में है? क्या माननीय पार्टी अध्यक्ष महोदय कैलाश विजयवर्गीय के साथ उनके बेटे को पार्टी से बाहर निकालेंगे?

कैलाश विजयवर्गीय अधिकारी को बैट से पीटने के मामले में अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय का बचाव किया था. उन्होंने कहा कि वह अभी ‘कच्चा खिलाड़ी’ है. साथ ही उन्होंने कहा था कि यह बड़ा मामला था नहीं, इसे बड़ा बनाया गया है. माननीय नेता जी, अगर यह बड़ा मामला नहीं, तो बड़ा मामला क्या है.

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