इंडियन मिलिट्री अकैडमी के पहले बैच के कैडेट्स में शामिल थे सैम मानेकशॉ।
सैम मानेकशॉ ने भारतीय सेना में शामिल होने से पहले द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश आर्मी की तरफ से लड़े थे।more
सैम मानेकशॉ को उनकी लीडरशिप स्किल और बहादुरी को देखते हुए उन्हें सैम बहादुर कहा जाने लगा।more
सैम मानेकशॉ को 1969 में आर्मी जनरल बने। इससे पहले कई जगहों पर ट्रेनिंग कमांडर के रूप में काम कर चुके थे।more
सैम मानेकशॉ को जब इंदिरा गांधी ने तत्काल पूर्वी पाकिस्तान पर हमला करने को कहा तो सैम ने यह कहते हुए मना कर दिया कि मैं हारने के लिए लड़ाई नहीं लड़ूंगा।more
बाद में इंदिरा ने सैम की बात मानी और उन्हीं के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान को सरेंडर करने पर मजबूर किया।more
दरअसल, सैम मानेकशॉ के काफी पैसे सरकार के पास थे, जो उन्हें नहीं मिले थे। तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के हस्तक्षेप करने के बाद सैम को मिले उनके पैसे।more