पॉलिटिकल लव: प्यार में कहीं ‘भारतबंद’ ना कर देना

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तुम न बहुत झूठ बोलती हो,
अच्छा ज्यादा आरोप न लगाओ नहीं तो मानहानि का केस कर दूंगी।
कर दो मैं माफी मांग लूंगा।
तुम भी एकदम आम आदमी जैसे निकले मेरे जानू।

 

तुम मेरी बात नहीं सुनते हो आजकल,
अरे बाबा सुनता तो हूँ,
कुछ नहीं सुनते हो, ऐसा ही रहा न तो प्यार में बंद कर दूंगी,
तुम बंद का ऐलान करोगी तो मैं प्यार चार्ज कर दूंगा,
अच्छा मैं तो डर गई थी कहीं तुम भी लाठीचार्ज न कर दो,
तुम पर लाठीचार्ज क्यों करूँगा तुम तो मेरी हो।

 

तुम मेरी महबूबा नहीं लगती,
अच्छा जी मैंने कौन सा बयान दे दिया?
तुम मुझे दुश्मन से बात करने को बोल रही थी ना?
हां तो मैं चाहती हूं कि दुश्मनी दोस्ती में बदल जाये,
हर बार मैं ही क्यों बात करूं?
क्योंकि माफ करने वाला बड़ा होता है और तुम बड़े हो।

 

तुम मेरा क्या नाम रखोगे?
जो भी नाम होगा उसमें बस रामजी जोड़ दूँगा।
अरे राम जी क्यों जोड़ोगे मेरे नाम में?
बस सोच रहा हूँ तुम्हारा नाम सेफ रहे,
अच्छा जब कोई और आ गया सत्ता में तब क्या करोगे?
करना क्या है नाम में जो उस समय ट्रेंड में होगा जोड़ दूँगा।

 

पता है आजकल कुछ लोग मुझे बहुत परेशान कर रहे हैं
ठोंक दिए जाएंगे सब चिंता मत करो।
कैसी भाषा का इस्तेमाल करते हो यूपी से हो क्या?
हूँ तो यूपी से ही, इसमें दिक्कत क्या है?
दिक्कत कुछ नहीं सरकार का असर आ रहा है तुम्हारी भाषा में।

 

यार मेरा स्मार्टफोन चल नहीं रहा,
क्यों पंजाब से लाई थी क्या समार्टफोन?
हां पिछले हफ्ते गई थी वहाँ तभी लिया था।
लगता है तुम्हें भी विपक्ष ने फ़ोन की डमी पकड़ा दी।
मुझे लगा था वो जो 50 लाख फ़ोन वाली स्कीम है उसके फ़ोन हैं।

 

अगर मैं बहुत धूर्त हो जाऊँगा तो साथ दोगी न मेरा?
बिल्कुल दूँगी मेरी जान जितना लोन चाहिए होगा सब दूँगी,
हम भी न स्वीट डील करेंगे,
स्वीट डील क्यों स्वीटहार्ट डील करेंगे हम तो।

तुम रो क्यों रहे हो?
अरे बस ऐसे ही थोड़ा मन भारी था।
क्यों तुम भी बॉल टेम्पर किए हो क्या?
क्यों बस बॉल टेम्पर करने के बाद ही रोना आता है क्या?
ऐसा तो नहीं है बट आज कल तो यही हो रहा है।

 

यार पता है घर के सारे कपड़े चूहे ने खराब कर दिए,
अच्छा जी चूहे लगता है चूहे महाराष्ट्र से लाई थी।
हां गई थी तो शायद बैग में आ गए थे,
तभी इतना नुकसान का ठीकरा चूहों पर फोड़ रही हो।
तुम भी तो महाराष्ट्र वाली चाय पर ठीकरा फोड़ते हो।

 

घर का पाइप लीक कर रहा है,
अच्छा तो चौकीदार को बुलाता हूँ,
अरे बाबा लीकेज तो प्लम्बर ठीक करेगा न!
नहीं देश का मानना है कि चौकीदार सब ठीक कर सकते हैं।
ज्यादा डाइलॉग न मारो चौकीदार के भरोसे रहे तो कुछ नहीं होगा।
ठीक है जाता हूँ प्लम्बर को लेकर आता हूँ 2019 तक।

 

तुम कुछ भी बोल जाते हो आजकल।
अरे वो थोड़ी जबान फिसल गई थी मेरी।
कुछ ज्यादा ही जबान नहीं फिसल रही आजकल?
अरे वो कर्नाटक से आए हैं तब से हो रहा है।
चलो सही है जबान फिसलने पर कुछ सच तो बोल देते हो।
लेकिन मैं तो सच छुपाना चाहता था,
सच छुपता नहीं छुपाने से,
क्यों सच भी प्यार की तरह है क्या?

 

कहाँ जा रहे हो?
बिहार और बंगाल जा रहा हूँ मैं।
ठीक है मैं भी चलती हूँ,
चलो फिर लोकल डिब्बा पकड़ते हैं।
हां चलो वहाँ लोगों में प्यार भर देंगे।
ठीक है बैग पैक करलो जल्दी से।
कर लिया और पॉलिटिकल लव भी रख लिया क्योंकि इसके बिना प्यार कैसे भरेंगे लोगों में।

About Post Author

अभय

अभय पॉलिटिकल साइंस के स्टूडेंट रहे हैं। वर्तमान में पॉलिटिकल लव से उनकी पहचान बन रही है। राजनीतिक और सामाजिक विषयों को ह्यूमर और इश्क के साथ पेश करना अभय की कला है।
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