पॉलिटिकल लव: चुनाव में जो ‘हुआ सो हुआ’, अब प्यार करो

क्या बात है कहाँ गायब हो आजकल?
कहीं नहीं बस चुनाव में लगा हुआ था।
अच्छा चुनाव के चक्कर में महबूबा को भूल गए?
अरे ऐसा नहीं है, बस सोचा थोड़ा देख लूं।
हां-हां देख लो, 23 के बाद मैं ही काम आऊंगी कोई नेता नहीं।
हां वो तो जानता हूँ मेरी जान।

मेरा तो छोड़ो तुम कहाँ छुपी हुई हो?
कही नहीं बस बादल के पीछे छुपी थी।
अच्छा जी किसके राडार से बच रही थी?
अरे तुम्हारे घरवालों से बच रही थी जी।
क्यों तुम कोई हमला करने वाली थी क्या?
हां तुम पर सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली थी?

अच्छा अब तो चुनाव खत्म हो गए आगे का क्या प्लान है?
अरे घूमने का प्लान बना रहा हूँ मैं तो।
हां कोई ठंडी जगह का प्लान बनाना चुनाव बड़ा गर्म था।
ठीक तो चलो हम भी गुफा में चलकर ध्यान लगाते हैं।
अच्छा तो रुको मैं पहाड़ वाली ड्रेस निकल लूं फिर रेड वाली।
अरे बाबा कुछ भी ले चलो तुम्हें कौन सी फकीरी दिखानी है।

अच्छा वहाँ चल तो रहे हो कैमरा तो लिया है तुमने?
हां बाबा ले लिया है कैमरा बैग में रखा है।
वो 1987-88 वाला कैमरा तो नहीं है ना?
अरे वही वाला है उससे भी कलर फोटो आती है तुम्हें मेल कर दूंगा।
अच्छा ठीक है तो मेल करके पेपर में फोटो भी निकलवा लेना।
अरे गुस्सा क्यों हो रही हो जो ‘हुआ सो हुआ’।
ये कोई 84 वाली बात थोड़ी है जो तुम ‘हुआ सो हुआ’ कर रहे हो।

ये छोड़ो कहीं और का प्लान बनाते हैं चलने का।
अच्छा फिर चलो दीदी के यहाँ चलते हैं!
न बाबा न मेरे पास तो CRPF भी नहीं बच के कैसे आऊंगा।
अरे चिंता मत करो अब दीदी कुछ नहीं बोलेंगी।
ओह हां मैं तो भूल ही गया था कि अब तो चुनाव खत्म हो गए।

चुनाव से याद आया तुम कोई इंटरव्यू लिए?
हां लिया था इंटरव्यू कई लोगों का।
अच्छा तो तुमने पूछा कि नहीं कि आम कैसे खाते हैं?
चल पागल मेरा इंटरव्यू कोई गैर-राजनीतिक थोड़ी था।
अच्छा उससे क्या फर्क पड़ता है दोनों तो लिखकर ही लिए जाते हैं।
लेकिन हमारे वाले में लिखा हुआ बस हमारे पास ही होता है।

चलो मैं भी तुम्हारा इंटरव्यू लेती हूँ आज।
अरे नहीं मैं तो प्रेस कॉन्फ्रेंस करूँगा।
अच्छा सवालों के जवाब तो दोगे न, कहीं मन की बात कर के निकल जाओ।
हां मैं ही दूंगा जवाब, मेरा कोई मोटा भाई जैसा दोस्त थोड़ी है।
होता न तब भी मैं तुम्ही से जवाब दिलवाती।
क्यों तुम्हें मॉर्निंग वॉक पर नहीं जाना होता है!

वॉक से याद आया शॉपिंग करने चलना है।
अरे पैसे नहीं हैं मेरे पास कैंसिल करो शॉपिंग।
अच्छा तो क्या हुआ पैसे वो 6 हज़ार आने वाले हैं उसमें से दे देना।
अरे कौन से 6 हज़ार, तुम नेता लोगों की बात ज्यादा सीरियस ले लेती हो।
बिना पैसे के भी शॉपिंग हो सकती है जी उधार भी नहीं करना पड़ेगा।
वो कैसे अब कौन सी ट्रिक निकाली हो जी!
अरे तुमने सुना नहीं है, मोदी है तो मुमकिन है।
हां लेकिन वो जो मुमकिन था न वो चुनाव से पहले था, अब सब नामुमकिन है।

अच्छा जी बहुत बोलने लगे हो, शिकायत करनी पड़ेगी तुम्हारी।
कर दो शिकायत उससे क्या होगा क्लीन चिट मिल जाएगी मुझे।
गलतफहमी में हो तुम ये आयोग किसी का चाटुकार नहीं है।
अच्छा तो तुम बंगाल वाला आयोग हो क्या?
नहीं जी मैं तो खुद के आयोग से हूँ और पूरी तरह बायस हूँ।

चलते-चलते ये तो बता दो कौन आएगा?
अभी पहले यहाँ से भागो तुम्हारे पापा आ रहे हैं।
लेकिन हम तो सुने थे आएगा तो मोदी ही।
उनका तो पता नहीं लेकिन तुम्हारे पापा के साथ मेरे बाबू जी भी आ रहे हैं।
चलो फिर भाग कर लोकल डिब्बा पकड़ लेते हैं।