भारतीय क्रिकेट टीम के लिए लंबे समय तक ओपनिंग करने वाले बल्लेबाज गौतम गंभीर ने क्रिकेट के सभी फॉर्मैट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने एक विडियो जारी करके बहुत भारी संदेश देते हुए कहा है कि उन्होंने काफी भारी मन से यह फैसला लिया है। अब इसके आगे गंभीर क्या करने वाले हैं यह तो उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है लेकिन पिछले कुछ महीनों से उनकी ऐक्टिविटी और कुछ ट्वीट्स देखकर थोड़ा बहुत यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि गंभीर राजनीति में उतर सकते हैं।
अक्टूबर-नवंबर महीने से ही दिल्ली में प्रदूषण बढ़ गया। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार पर तमाम सवाल खड़े होने लगे। हर साल दिल्ली के सामने खड़ी होती यह समस्या इस साल और भयानक रूप लेता दिखी। इसी बीच गौतम गंभीर ने बेहद चुटीले अंदाज में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। गंभीर ने लिखा, ‘दर्दे दिल, दर्दे जिगर दिल्ली में जगाया AAP ने, पहले तो यहां ऑक्सीजन था, ऑक्सीजन भगाया AAP ने’ इसके साथ ही गंभीर ने केजरीवाल को उनके झूठे वादों और प्रदूषण के साथ-साथ डेंगू की समस्या पर असफलता के लिए भी कोसा।
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13 नवंबर को एक बॉक्सिंग टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ी को मास्क लगाकर आना पड़ा। इसपर गंभीर ने आम आदमी पार्टी के साथ-साथ बीजेपी को भी टैग किया। इन दो ट्वीट्स के अलावा कई और भी ट्वीट्स हैं, जिसमें गंभीर ने आम आदमी पार्टी से सवाल तो पूछा है लेकिन बीजेपी को टैग करके। गंभीर वैसे तो मैदान पर काफी कम ही बोलते हैं लेकिन उनकी आक्रामकता में कभी कोई कमी नहीं दिखती है।
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गंभीर की ट्विटर टाइमलाइन खंगालिए तो उनके कई ट्वीट्स यह दर्शाते हैं कि गंभीर सामाजिक मुद्दों को लेकर सजग और उतने ही मुखर भी हैं। कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से अकसर गंभीर सवाल पूछते नजर आते हैं। हालांकि, बीजेपी के प्रति उनका सॉफ्ट कॉर्नर देखा जा सकता है। केजरीवाल पर कई हमलों से यह आशंका जताई जा रही है कि गंभीर अगर राजनीति में आते हैं तो केजरीवाल के साथ जाने की उनकी संभावना कम ही है।
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बीजेपी में क्यों जा सकते हैं?
दिल्ली की राजनीति को समझने वाले लोग अब यह समझते हैं कि दिल्ली में मामला अब केजरीवाल बनाम बीजेपी ही है और कांग्रेस के लिए कुछ बचा नहीं है। बीजेपी भी केजरीवाल के सामने नेतृत्व विहीन नजर आता है। बीजेपी के पास अध्यक्ष के नाम पर मनोज तिवारी हैं, जो कई विवादों में संलिप्त रहे हैं। सीलिंग के मुद्दे पर तो मनोज तिवारी को कोर्ट से भी खरीखोटी सुननी पड़ी। ऐसे में गंभीर का बीजेपी से जुड़ना और स्थानीय होना बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है।