माथे पर सिंदूर, हाथों में चूड़ियां और शरीर पर साड़ी- ऐसी वेशभूषा में सामान्यत: हिंदू औरतें देखी जाती हैं लेकिन कोई मुस्लिम औरत जो सांसद भी हो, इस वेशभूषा में दिखे तो इस बात का राष्ट्रीय चर्चा का विषय बनना लाजमी है। इन सब के बीच इस वेशभूषा का विरोध करने वाले ठेकेदारों को वही औरत करारा जवाब भी दे तो इसे समाज, धर्म और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के नजरिये से भी देखने की जरूरत है।
नुसरत के चूड़ी और सिंदूर पहनने को इस्लामिक कट्टरपंथी कह रहे हैं कि यह हराम है। इसपर नुसरत जहां ने जवाब दिया है कि वह जन्म से मुसलमान हैं और अपना धर्म बखूबी जानती हैं। हाल ही में वह इस्कॉन मंदिर की रथयात्रा में शामिल हुईं और वहां उन्होंने वह सबकुछ किया, जो कट्टरपंथियों के सीने पर सांप लोटाने वाला है। वह बखूबी जानती हैं कि वह क्या कर रही हैं, ऐसे में उनकी हिम्मत की दाद देनी चाहिए कि वह बिना किसी से डरे अपनी मनमर्जी कर रही हैं।
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खुद को सेक्युलर बताती हैं नुसरत जहां
ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने के चलते कट्टरपंथियों के निशाने पर आईं नुसरत खुद को सेक्युलर बताती हैं। उनका कहना है, ‘हम विकास की राह में बढ़ते नए भारत के नागरिक हैं और सभी परंपराओं और संस्कृतियों का सम्मान होना जरूरी है। भगवान के नाम पर क्यों लोगों को बांट दिया जाता है। हां, मैं एक मुस्लिम हूं और सेक्युलर भारत की नागरिक हूं। मेरा धर्म भगवान के नाम पर लोगों को बांटना नहीं सिखाता है।’
आपको बता दें कि नुसरत जहां इस लोकसभा चुनाव में टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ीं। पश्चिम बंगाल की बसीरहाट से उनको सांसद चुना गया। शपथ लेने से पहले ही उन्होंने निखिल जैन से हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक शादी की। इस शादी के बाद से ही कट्टरपंथी उनके पीछे पड़ गए। तमाम मौलाना उनके निजी मामलों को भी इस्लाम के खिलाफ बताने लगे। नुसरत जहां भी पीछे नहीं हटीं और उन्होंने सबको माकूल जवाब दिया।
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साड़ी पहनकर संसद पहुंची थीं नुसरत
संसद में शपथ लेने पहुंचीं नुसरत जहां साड़ी, सिंदूर और चूड़ा पहने नजर आईं। उनके इस पहनावे ने भी धर्म के ठेकेदारों के मुंह पर करारा तमाचा जड़ा। शादी के बाद भी नुसरत ने खुद को मुसलमान ही बताया, जिससे यह समझ आता है कि वह इन चीजों को लेकर कितनी स्पष्ट हैं।