दीवाली के वक़्त एक नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहता है। हर घर, हर मुहल्ले, हर गली एक ही नाम गूंजता है, जी हां, हम बात कर रहे हैं सोनपापड़ी जी की। ये परिचय की मोहताज नहीं और जो लोग इन्हें नहीं जानते वे एक बार अपने घरवालों या रिश्तेदारों से इनका परिचय पूछ लें। हम आज सोनपापड़ी जी से कुछ सवाल जवाब करेंगे, चलिए चलते हैं सवाल-जवाब के सिलसिले की ओर…
फलाने– सोनपापड़ी जी आपका स्वागत है लोकल डिब्बा पर।
सोनपापड़ी– नमस्कार फलाने जी।
फलाने– आप दीवाली के वक़्त ही सबसे ज्यादा चर्चा में क्यों आती हैं?
सोनपापड़ी– फलाने जी इसका जवाब मैं खुद कई सालों से ढूंढ रही हूं लेकिन मुझे लगता है इसका जवाब अच्छे दिन आते ही मिल जाएगा।
फलाने- इसका मतलब इसका जवाब आने में सालों लग सकते हैं? अच्छा आप ये बताएं कि आपको लोग बिना देखे आगे क्यों बढ़ा देते हैं?
सोनपापड़ी– इस पर तो मैं यही बोलना चाहूंगी कि लोग तो वॉट्सऐप पर बिना पढ़े मैसेज आगे बढ़ा देते हैं तो मेरी तो बात ही अलग है लेकिन मुझे खुशी होती है कि मुझे आगे बढ़ाने से प्यार ही बढ़ता है हिंसा नहीं।
फलाने– सोनपापड़ी जी लोगों को आपसे शिकायत रहती है कि आप गिरती बहुत हैं।
सोनपापड़ी– मैं तो गिरकर भी लोगों की सोच से ज्यादा नहीं गिर पाती हूं फलाने जी, लेकिन छोड़िए कुछ तो लोग कहेंगे।
फलाने– दीवाली का वक़्त आते ही लोग आप पर जोक बनाना शुरू कर देते हैं, क्या आपको बुरा नहीं लगता?
सोनपापड़ी– देखिए फलाने जी अब मैं कोई इंसान तो हूँ नहीं जो आहत हो जाऊं, हां थोड़ा गुस्सा आता है कि लोग काजू कतली को प्यार करते हैं और मुझ से बस मजाक!
फलाने– अच्छा चलिए अपने अंतिम प्रश्न की ओर बढ़ते हैं, आप लोगों से क्या कहना बोलना चाहेंगी?
सोनपापड़ी– मैं बस बोलना चाहूंगी कि आप लोग मुझे कितना भी नजरंदाज कर लें मैं हरदम अजर-अमर रहूंगी, आपके घर आऊंगी और पूरे ठाट से दूसरे के घर उपहार बन के जाऊंगी।
शुक्रिया सोनपापड़ी जी आपकी बातें कई अहम मुद्दों को छूते हुए हमें बहुत कुछ सिखा गई हैं, मैं अपने पाठकों से कहना चाहूंगा कि आप सभी सोनपापड़ी जी की दीवाली को भी हैप्पी बनाएं।