मिलती-जुलती खबरें...
मिर्जापुर रिव्यू: ड्रामा का मसाला कुटाया थोड़ा कम है गुरु
पंकज त्रिपाठी, मनोज वाजपेई और नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे कलाकारों ने पिछले कुछ समय में अपनी ऐक्टिंग से यह पुख्ता किया…
अजीत आगरकर: वह सितारा जो धुंधला हुआ तो फिर ना चमका
BY: दया सागर आर्य अजीत आगरकर, एक लंबे कद का छरहरा खिलाड़ी, जो दाएं हाथ से मध्यम तेज गेंदबाजी और…
ख़ुदकुशी…भवेश दिलशाद (शाद) की नज़्म
इसी इक मोड़ पर अक्सर गिरा जाता है ऊंचाई से अपनी ज़ात और ख़ाका मिटाया जाता है सब कुछ हो जिसमें ये सिफ़अत, क़ूवत कि जो अपना सके, जो घोल पाये सब कुछ अपने में
ग़मे-दिल और ग़मे जानां कहे बिन सह सके जो सब किसी इतनी बड़ी हस्ती के पहलू में किया जाता है सब कुछ गुम.
