पॉलिटिकल लव: प्यार में ईवीएम जैसा बहाना मत बनाना

हमारे प्यार में कितनी बँधाएं हैं ना?

कितनी भी हों राम मंदिर से कम ही हैं,

वैसे राम मंदिर की बंधाएं दूर हो गई हैं,

तुम भी क्या नागपुर वालों पर भरोसा कर लेती हो,

 

तुम मेरा दिल कैसे जीतोगे?

वैसे ही जैसे बीजेपी निकाय चुनाव जीतती है,

देखो ईवीएम में कुछ गड़बड़ मत करना,

अरे बाबा नहीं चुनाव की तरह प्यार को शक के घेरे में नहीं लाना मुझे।

 

तुम मेरा ड्रीम तो नहीं तोड़ोगे ना?

क्यों तुम्हारा ड्रीम भी क्या कोई रिवर फ्रंट है,

फालतू का काम नहीं करती मैं,

तो मैं तुम्हारी पूरा साथ दूंगा बिना कोई अड़ंगा डाले

मुझे पता है तुम बदले की भावना से काम नहीं करते, लव यू…

 

तुमने मुझे अपनी दिल की बातें बोली थीं ना,

मैंने तो सारी बाते बंद कमरे में कहीं थीं,

दिल की बातें थी या धार्मिक सहिष्णुता की,

जो भी हम दोनों के बीच की बात थी,

अच्छा तभी तुम सबके सामने पलट जाते हो,

सही पकड़े हैं,

 

 

अब तो मैं तुम्हारा डेबिट कार्ड भी नहीं ले सकती,

अरे क्यों क्या हुआ!

सुनने में आ रहा है अब कार्ड पर फ़ोटो लगेगी,

हाहाहा, चलो कुछ तो भला करी ये सरकार मेरा,

जैसे तुम्हारी फ़ोटो छिपाती आई हूँ वैसे अब कार्ड भी छुपा लूंगी, हाहाहा

 

मेरा विरोध करोगे ना तो मैं तुम्हें किस नहीं दूँगी,

क्यों तुम भी विकास हो जिसका विरोध करना गलत है,

हाहाहा, सही पकड़े हैं,

 

तुम बहुत लेट आते हो,

अरे बाबा काम पड़ जाता है कोई न कोई,

अब ना तुम्हारी हाज़िरी शुरू करनी पड़ेगी प्यार में,

बोलना क्या है हाज़िरी में ‘जय हिंद’ क्या,

नहीं यहाँ मामा की सरकार नहीं है,

 

तुम मेरे लिए कितना गिर सकते हो,

जितना पार्टियां चुनाव जीतने के लिए गिरती हैं,

इसका मतलब मंदिर भी जाओगे,

इतना ही नहीं जानेऊ भी पहन लूंगा

 

तुम मुझे दुबारा नहीं पा सकते खोने के बाद,

क्यों तुम बैलेट पेपर से चुनाव करोगी अब,

बिल्कुल अब तुम्हारा ईवीएम नहीं चलेगा,

 

अच्छा एक बात बताओ तुम लोकल डिब्बा पर क्यों लिखते हो,

क्योंकि यहाँ धर्म से बड़ा प्यार है,

अच्छा, तभी तुम्हारा पॉलिटकल लव इतना प्यारा होता है।