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जाते-जाते हंसने का पैगाम देकर चली गईं श्रीदेवी
किसी शायर ने ठीक ही कहा है- ज़िंदगी क्या है फ़कत मौत का टलते रहना. वक़्त कई बार इसका…
फ्रांस जैसा सत्ता विरोधी प्रदर्शन क्या भारत में हो सकता है?
भारत में शादियों का सीजन चल रहा है। हम सब अभी तक ‘पिक-नीक’ और ‘दीपवीर’ की शादियों के हैंगओवर से…
यह प्यार नहीं बाबू, वेल प्लान्ड फ्यूचर इन्वेस्टमेंट है!
साल 2010 की बात है। तब पर्सनल फोन का चलन नहीं हुआ करता था। घर में इकलौता नोकिया का सेट…
