रात दरवाज़े पर दस्तक दे रही है
रात अब दरवाज़े पर खड़ी है रह-रह के सायरन की सदा आ रही है.
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
रात अब दरवाज़े पर खड़ी है रह-रह के सायरन की सदा आ रही है.
हर सरहद को तोड़ ही देगी आज़ादी दुनिया भर को घर कर देगी आज़ादी. दिल में रह-रह मौज उठेगी आज़ादी…