हिंदुत्व और मराठी के नाम पर पीटने वाले सचमुच सेक्युलर हो गए?

राजनीति और मौकापरस्ती. ये दोनों पर्यायवाची जैसे हो गए हैं. महाराष्ट्र में इसका ताज़गी बरक़रार है. मराठी मानुष के नाम…