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‘मेरे पास मां है’- सिनेमा जब तक रहेगा, ये शब्द गूंजते रहेंगे
साल 1951, फिल्म थी आवारा, राज कपूर के बचपन का रोल निभाते हुए एक छोटा सा बच्चा स्कूल मास्टर से…
आखिर कैसा हो आज के समय के आंदोलनों का स्वरूप?
जातियों और समुदायों के बीच बढ़ रही खाई के जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ हम हैं, ना की कोई सरकार, प्रशासन,…
सोमालिया भी विश्व का ही हिस्सा है, इसे भी याद रखें
सोमालिया, एक ऐसा देश जहाँ भुखमरी कभी अपने चरम पर थी। एक वक़्त ऐसा था जब इस देश का वजूद…
