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जुड़वा-2 ने दिया बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस को ऑक्सीजन
ये साल बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस के लिए कुछ खास नही रहा, पिछले कुछ दिनों से छोटे बजट की फिल्में अच्छा…
क्या गांधी के देश में विरोध का स्वरूप गांधी के विरोध की तरह है?
लोकतंत्र में विरोध होना जायज है। जब-तक जनता अपनी स्वस्थ मांगों को लेकर सरकार के सामने विरोध नहीं करेगी तब तक वह लोकतंत्र लगभग अधूरा रहेगा।और जब यह विरोध ख़त्म हो जाएगा तो वह लोकतंत्र तानाशाही में परिवर्तित होने लगेगी,लेकिन प्रश्न यह है कि विरोध का स्वरुप कैसा हो??
पॉलिटिकल लव: प्यार को सुप्रीम कोर्ट की तरह सीरियस लो
तुम इतने गोरे कैसे हो रहे हो? अरे घर पर रहने का यही फायदा है, मुझे लगा तुम भी मशरूम…
