सोना बेशकीमती धातु है. भारत में सोने के कद्रदान इतने हैं कि यहां बड़े स्तर पर सोने का आयात किया जाता है. लोग गहनों के शौकीन तो होते ही हैं, बीते कुछ समय में सोना निवेश का भी एक मजबूत और लोकप्रिय जरिया बन गया है. कारण है, सोने की लगातार बढ़ती कीमतें. कुछ लोगों का मानना है कि जमीन और सोने से ज्यादा बेहतर और सुरक्षित निवेश कोई और नहीं है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोने का इस्तेमाल मोबाइल फ़ोन बनाने में भी किया जाता है. जी हां, जिस मोबाइल पर आप ये वीडियो देख रहे हैं या आर्टिकल पढ़ रहे हैं, उसमें भी सोना छिपा हुआ है. जो मोबाइल खराब हो जाते हैं और आप उन्हें फेंक देते हैं, उनमें भी सोना होता है. कोई न कोई इस सोने को निकालकर उसका इस्तेमाल जरूर करता होगा.
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कहां होता है सोने का इस्तेमाल?
हालांकि, फोन में लगा सोना शुद्ध नहीं होता है. फोन के कुछ पार्ट्स में सोने की कोटिंग की जाती है. इसका कारण है कि इसकी कंडक्टिविटी सबसे ज्यादा होती है. चांदी की भी कंडक्टिविटी अच्छी होती है लेकिन चांदी नमी से प्रभावित होती है और खराब हो सकती है इसीलिए सोने का इस्तेमाल किया जाता है. मोबाइल फ़ोन के मदरबोर्ड, चिप और अन्य कई पार्ट में सोने का इस्तेमाल किया जाता है.
मात्र दो-तीन सौ रुपये का ही होता है सोना
एक सर्वे के मुताबिक, एक फोन में 0.034 ग्राम सोने का इस्तेमाल होता है, जिसकी कीमत 200 से 300 रुपये हो सकती है. तो भइया इतने सोने के लिए अपना मोबाइल फोड़ने कूंचने में मत जुट जाइएगा. हां, अगर आपके पास हजारों मोबाइल फ़ोन पड़े हों या आप कबाड़ का काम करते हों, तो रिक्स ले सकते हैं, हो सकता है आप बड़े स्तर पर सोना निकालकर करोड़पति बन ही जाएं.
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