बलात्कार पर जब भी कोई कठोर कानून बनाने की मांग होती है, तब बुद्धिजीवियों में से ही तमाम लोग सामने आकर विरोध करने लगते हैं. बात अगर फांसी जैसी गंभीर सजा की हो तो लोगों और सहम जाते हैं. लेकिन राजस्थान विधानसभा ने शुक्रवार बहुमत से एक विधेयक पारित किया जिसके तहत 12 साल या उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार करने वालों की फांसी की सजा दी जाएगी. अगर इस कानून को लागू कर दिया जाता है तो मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान दूसरा राज्य होगा जहां 12 साल या उससे कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार करने वाले अपराधी को मौत की सजा मिलेगी.
क्या कहा राजस्थान के गृहमंत्री ने
विधेयक सदन में पेश करते हुए राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा, ” 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म जघन्य अपराध है जिससे पीड़िता का जीवन नरक बन जाता है. समाज में सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऐसे जघन्य अपराध से नारी जाति को बचाने के लिए भारी दंड की व्यवस्था करना जरूरी है.”
उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक के माध्यम से सरकार मौजूदा कानून में नया उपबंध जोड़ना चाहती है. भारतीय दंड संहिता की धारा 376-एए में जोड़ कर 12 से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिए मृत्युदंड या कठोर सजा का प्रावधान किया गया है. कठोर सजा की सूरत में यह 14 साल से कम नहीं होगी और उससे ऊपर आजीवन कारावास तक हो सकता है.
तो शायद थम जाएंगी दुष्कर्म की घटनाएं
सामूहिक दुष्कर्म के मामले में धारा 376-डीडी जोड़ा गया है, जिसके तहत समूह में शामिल हर व्यक्ति को दोषी करार दिया जाएगा. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भी इसी तरह का कानून राज्य में लाने के संकेत दिए हैं. अगर इस तरह की कानून व्यवस्था सभी सरकारें करें तो शायद बलात्कार की घटनाओं पर शिकंजा कसा जा सके.