तुम कहाँ हो आजकल ?
क्यूँ क्या हुआ मेरी जान?
बस तुम वादा करते हो मिलने का फिर पलट जाते हो.
अरे! मैं तुम्हें रेल लगता हूँ क्या ?
नहीं यार, तुम उससे तो ठीक ही हो , वो तो रिकॉर्ड तोड़ देती है
चलो किसी से तो अच्छा हूं.
तुम मेरे पास हरदम रहोगे न?
कोई शक? लेकिन क्या हुआ, परेशान क्यों हो?
तुम मझसे लिंक रखोगे कालेज के बाद?
हां मेरी जान, जैसे अधार कार्ड लिंक होगा नम्बर से
वाह मेरी जान, बिना अधार नम्बर नहीं और तुम बिन मैं नहीं.
चलो हम भी प्यार में कुछ सुधार करते हैं.
अच्छा चलो फिर बैठक बुलाओ. हा हा हा
ये कोइ जीएसटी थोड़ी ना है.
अच्छा इसका मतलब सच में सुधार करोगी, दिखावटी नहीं?
तुम्हारी पूरी पड़ताल करुँगी, कहाँ से लाती हो ऐसी बातें?
आईटी हो गई क्या, मेरी बातें कोई कालाधन थोड़ी न है.
मतलब, कुछ समझी नहीं.
सोशल मीडिया, महंगी चीजों की पोस्ट पर IT की होगी पैनी नजर.
अरे हद है , हा हा हा.
एक बात बोलें?
हां बोलो मेरी जान.
तुम मेरी उम्मीद तो नहीं तोड़ोगे?
अरे तुम मेरी मित्र हो शिक्षामित्र थोड़ी न?
हाँ! तुम भी तो मेरे सरकार हो कोई यूपी की सरकार थोड़ी न.
चलो कहीं चलते हैं यहाँ से.
क्यों, क्या हुआ ?
देख नहीं रहे यहाँ कितनी हवस है?
हां यार , चलो यार अपना लोकल डिब्बा चलाते हैं, वहां बस अपना प्यार है.
और तुम्हारा पॉलिटिकल लव भी.