अच्छा ये कहां लिखा है कि प्यार में चॉकलेट देना ही है!
लिखा तो ये भी नहीं है दिल्ली देश की राजधानी है!
हाहाहाहा, ये भी सही बोली तुम
तो लाओ मेरी चॉकलेट बिना सवाल किए हुए।
तुम हर बार मेरी अक्स का मुद्दा लेकर बैठ जाती हो,
अरे तो तुमने कांड ही इतने किए है,
अब तो मन जाओ लोग तो अयोध्या पर भी मानने को तैयार हो रहे है,
अरे रहने दो वो दिखावा कर रहे है मैं नहीं कर सकती।
पता है कुछ साल बाद बहुत कुछ बदल जायेगा,
अरे क्यों तुम भी नीति आयोग की तरह कुछ सोच लिए हो क्या?
अरे बाबा वो बस सोचते ही हैं, मैं करूँगा प्यार तो डिजिटल प्लेटफार्म पर ले जाऊंगा,
ये सही रहेगा और तुम प्यार ना को नफरतलेस कर देना।
चलो प्यार में कुछ उलट-पलट करते हैं
कहो तख्ता पलट ही कर देते हैं, हाहाहा
देखना कहीं ज़िम्बाब्वे की तरह नाकाम ना हो जाना,
हाहाहाहा
अरे रहने दो अपना प्यार भरा प्यार तंत्र ही अच्छा है,
ये हुई न बात, इसमें किसी सत्ता के लिए कोई संघर्ष नहीं है
तभी तो आज तक प्यार में जिंदा है।
पता है तुम आज कल बिना सुने मेरा विरोध करते हो,
अरे तो क्या हुआ तुम्हें पॉपुलर भी तो कर दिया न मैंने
हाहाहा, देखो कहीं मैं रानी पद्मावती ना बन जाऊं
तुम प्यार को बचाने के लिए क्या करोगे!
मैं टेक्नोलॉजी का सहारा लूंगा,
देखो, कहीं रेलवे की तरह बस जुगाड़ लगाते रह जाओ
हाहाहा, मुझे प्यार बेचना है वो भी ईमानदारी से
हाहाहाहा, हम सोचो तुम भी दिखावा कर रहे हो
तुम कोहरे में फँसोगी तब दिखावा करेंगे, हाहाहाहा
तुम मेरे कितने नाम रखोगे?
मैं तो नाम रख रहा हूँ, कई तो नाम बदलने पर उतारू है
हाहाहाहा, मैं कोई शहर नहीं जो इतनी आसानी से नाम बदल दोगे,
हम तो तुम्हारा ‘सरनेम’ न बदले तुम नाम बदलने की बात कर रही हो,
लव यू, सो स्वीट
अच्छा एक बात बताओ?
पूछो मेरी जान…
तुम्हारे लोकल डिब्बा से भी सोना निकलता है क्या आलू डालने पर
अरे नहीं पॉलिटकल लव निकलता है प्यार डालने पर