पॉलिटिकल लव: प्यार का ‘आधार’ मजबूत हो तो राम दिखते ही हैं!

तुम दाल बना लेती हो?
हां बना लेती हूँ, क्या हुआ बताओ?
हुआ कुछ नहीं, बस बाल मत कटवाना।
अच्छा तुम्हें भी गुजरात वाली आंटी सलाह दी हैं क्या?
हां वो मम्मी से बोल रही थी ये सब।
हां तो गुजरात वाली आंटी से बोल वो अपना घर देखें।

 

तुम किस गाय का दूध पीते हो?
शायद विदेशी गाय है हमारे घर में तो।
अच्छा तभी आजकल गुस्सा बहुत आता है तुम्हें।
तुम्हें कौन बताया जी ऐसा होता है?
अरे हिमाचल वाले ताऊ बोल रहे थे।
अच्छा गौ रक्षक इसी गाय का दूध पी रहे हैं यानी।

 

तुम्हें पता है फेकू चाचा को अवार्ड मिला है।
अच्छा कौन सा अवार्ड मिला है उन्हें जी ?
उन्हें चैंपियन ऑफ द अर्थ का अवार्ड मिला है।
अरे लेकिन वो तो हरदम आसमान में ही रहते थे।
अरे पागल वो आसमान में घूमते नहीं थे हवा साफ करते थे।
अच्छा ये बात थी सही हुआ मेरी आँख खोल दी तुम।

तुम कोई नौकरी क्यों नहीं करते हो?
अरे बाबा रोजगार है कहाँ ये तो बताओ?
अच्छा पता है एक बात बताऊं बिहार वाले मामा आये थे।
अच्छा क्या शिकायत की मेरी उन्होंने!
वो बोल रहे थे कि राजकुमार को ये ही नहीं पता रोजगार होता क्या है।
अच्छा हां उनकी नज़र में तो पड़ोसी के यहां भी भेजना रोजगार है।

 

एक बात बोलूं, अब तुम मेरे मालिक नहीं हो।
अरे मैं पहले कौन सा तुम्हारा मालिक था ये बताओ।
नहीं बस मैं बता रही हूँ कहीं मालिक बनाने की न सोच लो।
अरे मैं नागपुर वालों की तरह रूढ़िवादी नहीं हूँ।

 

यार एक काम करना था।
हां बताओ क्या करना है?
आधार कार्ड बनवाना है यार।
अरे अब कोई जरूरत नहीं है उसकी।
पागल पैनकार्ड कार्ड के लिए आधार कार्ड जरूरी है।
अच्छा हां और पैनकार्ड सबके लिए जरूरी ।
अब समझ गए बात को!
हां समझ गया, चलो बनवा लो आधार कार्ड।

 

यार पता है कल मैंने सपने में क्या देखा?
क्या तुम भी राम जी देख ली क्या!
अरे बाबा मुझे थोड़ी न राज्यसभा जाना है जो राम देखूं।
अच्छा फिर क्या देखना तुमने?
मैंने देखा न कि अच्छे दिन आ गए।
लगता है तुम सीधा पीएम ही बनोगी।

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