क्या ठरकी पत्रकारिता के अच्छे दिन चल रहे हैं?

तथ्यपरक सवाल, वस्तुपरख पत्रकारिता, सरकार से उद्देश्यपरक सवाल अब नही पूछे जाते हैं। जनवादी पत्रकारिता अब विरले ही देखने को…