अरे भइया! मोदीजी तो बस ले रहे हैं
क्या भइया, इतने बड़े सेठ हो फुटकर नहीं है? दिनभर नोट ही छाप रहे हो और पांच सौ का खुल्ला नहीं है। क्यों मज़े ले...
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
क्या भइया, इतने बड़े सेठ हो फुटकर नहीं है? दिनभर नोट ही छाप रहे हो और पांच सौ का खुल्ला नहीं है। क्यों मज़े ले...