आसमान वालों को गीत सुनाने चले गए महाकवि गोपाल दास नीरज
नीरज साहब की मानें तो “न जन्म कुछ, न मृत्यु कुछ, बस इतनी सी बात है, किसी की आंख खुल…
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
नीरज साहब की मानें तो “न जन्म कुछ, न मृत्यु कुछ, बस इतनी सी बात है, किसी की आंख खुल…