न करीब आ न तू दूर जा ये जो फ़ासला है ये ठीक है
ग़ज़ल की ख़ूबसूरती है कि यहां बातें छिपाकर कही जाती हैं. जो जाहिर है ऐसा माना जाता है वह ग़ज़ल नहीं. भवेश दिलशाद इससे इनकार...
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
ग़ज़ल की ख़ूबसूरती है कि यहां बातें छिपाकर कही जाती हैं. जो जाहिर है ऐसा माना जाता है वह ग़ज़ल नहीं. भवेश दिलशाद इससे इनकार...