मिलती-जुलती खबरें...
मिथक और इतिहास की आंख से वर्तमान को देखते थे कुंवर नारायण
कुंवर उस दौर में कलम उठाते हैं जब वैश्विक इतिहास द्वितीय विश्वयुद्ध, भारतीय स्वाधीनता संग्राम और गांधी युग जैसे उल्लेखनीय घटनाक्रमों से साक्षात्कार कर रहा था।
नोट की छपाई करके रातों-रात अमीर क्यों नहीं हो सकते हैं देश?
हर देश पैसे की कमी से जूझता रहता है लेकिन कभी भी अपनी मर्जी के मुताबिक ढेर सारे पैसे छापकर रातों रात अमीर नहीं हो सकता है. जानिए ऐसा क्यों होता है?
दिव्यमान उवाच- हमारी सोच में भयंकर खोट है
कभी-कभी ऐसा होता है हम तृतीय श्रेणी के सिनेमाघर में बैठे होते हैं और कुछ देर शालीनता से बैठने के…
