माँ क्यों कहती हो मत छूना उस काली पन्नी को?
क्या छुपा है माँ उस काली पन्नी में?
क्यों नहीं बताती माँ क्या ले आती हो उस काली पन्नी में?
क्या लपेटा है उन कागजों के बीच उस काली पन्नी में?
माँ तुम अचार देना बंद कर देती हो घर में आते ही उस काली पन्नी के,
माँ तुम दुआ मांगना बंद कर देती हो घर में आते ही उस काली पन्नी के,
माँ क्यों इतना डरती हो जब मैं छू लेता हूँ उस काली पन्नी को,
माँ तुम हर समान लाने को मुझे बोलती हो,
क्यों नहीं बोलती कि जाओ दुकान से ले आओ उस काली पन्नी को?
माँ क्यों लोग बड़ी शक की निगाह से देखते है उस काली पन्नी को?
माँ मैंने बड़े करीब से देखा है उस काली पन्नी को , बहुत दर्द छुपा है उस काली पन्नी में
माँ में समझ रहा हूँ तुम्हरा दर्द, तुम मत छुपाओ उस काली पन्नी को
माँ तुम पैड ही लाती हो न उस काली पन्नी में?
मैं जानता हूँ तुम्हे भी पीरियड्स आते है औरों कि तरह लेकिन फिर भी तुम छुपाती हो उस काली पन्नी को,
माँ बोल दो न उस काली पन्नी का दर्द, सब को दिखा दो उस काली पन्नी के अंदर का दर्द,
माँ मैं भी ला सकता हूँ उस काली पन्नी को, बेटा हुआ तो क्या हुआ मैं भी समझ रहा हूँ उस काली पन्नी को,
माँ तुम मुझसे बांट सकती हो उस काली पन्नी का दर्द,
माँ खोल दो ना उस काली पन्नी को, अब मत छुपाओ उस काली पन्नी को,
मत डरो माँ, दुनिया भी समझेंगी उस काली पन्नी को,
बेटे के वो सवाल जो वो कभी अपनी माँ से पूछ नहीं पाता