गांधी की नजरों में सबसे बड़े भिक्षुक क्यों थे मदन मोहन मालवीय?

विश्वविद्याल की नींव डालने की तैयारी चल रही थी। तत्कालीन भारत में महामना कहे जाने वाले शिक्षाविद, वकील, नेता, स्वतंत्रता…

पुण्यतिथिः शशि सूर्य हैं फिर भी कहीं, उनमें नहीं आलोक है – मैथिलीशरण गुप्त

यह रिवर्स टैलेंट का दौर है,जब संघर्षों की आवश्यक प्रक्रियाएं रोचक कहानियों के आवरण में सहानुभूतिक शब्दों के टैगलाइन के…

मिथक और इतिहास की आंख से वर्तमान को देखते थे कुंवर नारायण

कुंवर उस दौर में कलम उठाते हैं जब वैश्विक इतिहास द्वितीय विश्वयुद्ध, भारतीय स्वाधीनता संग्राम और गांधी युग जैसे उल्लेखनीय…

ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है: साहिर लुधियानवी

विभाजन के बाद साहिर ने हिंदुस्तान छोड़ दिया और पाकिस्तान चले गए। उस दौर के मशहूर फिल्म निर्देशक थे ख्वाजा…