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Author: अंकित शुक्ला
स्टीफन हॉकिंग: जिंदगी ने ‘बोनस’ दिया तो वैज्ञानिक बन गए
ईश्वर की सत्ता को चुनौती देने वाले हम न जाने कितने व्यक्तियों के बारे में जानते होंगे। तार्किक कसौटियों पर…
गांधी की नजरों में सबसे बड़े भिक्षुक क्यों थे मदन मोहन मालवीय?
विश्वविद्याल की नींव डालने की तैयारी चल रही थी। तत्कालीन भारत में महामना कहे जाने वाले शिक्षाविद, वकील, नेता, स्वतंत्रता…
पुण्यतिथिः ‘आसमान में धान’ की तरह उगने वाले कवि विद्रोही
“मैं किसी से प्रतिवाद नहीं करता तो उसका सिर्फ एक कारण है। मैं इस इंडियन सोसायटी का नेचर जानता हूं।…
आसमान वालों को गीत सुनाने चले गए महाकवि गोपाल दास नीरज
नीरज साहब की मानें तो “न जन्म कुछ, न मृत्यु कुछ, बस इतनी सी बात है, किसी की आंख खुल…
पुण्यतिथिः शशि सूर्य हैं फिर भी कहीं, उनमें नहीं आलोक है – मैथिलीशरण गुप्त
यह रिवर्स टैलेंट का दौर है,जब संघर्षों की आवश्यक प्रक्रियाएं रोचक कहानियों के आवरण में सहानुभूतिक शब्दों के टैगलाइन के…
मिथक और इतिहास की आंख से वर्तमान को देखते थे कुंवर नारायण
कुंवर उस दौर में कलम उठाते हैं जब वैश्विक इतिहास द्वितीय विश्वयुद्ध, भारतीय स्वाधीनता संग्राम और गांधी युग जैसे उल्लेखनीय…
ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है: साहिर लुधियानवी
विभाजन के बाद साहिर ने हिंदुस्तान छोड़ दिया और पाकिस्तान चले गए। उस दौर के मशहूर फिल्म निर्देशक थे ख्वाजा…
कविता का सबसे संक्षिप्त रूप-विन्यास है हाइकू
कविताओं के लिए ‘गागर में सागर’ की कहावत तो बहुत पुरानी है। बात चाहे कबीर के दो लाइन और चार चरण वाले…
भारतेंदु हरिश्चंद्रः आधुनिक हिंदी के पितामह
परिवर्तन गुजरते समय के अगले पदचिह्न के पर्याय भी होते हैं और एक लंबी यात्रा का एक पड़ाव भी। पड़ाव…