कोरोना से जंग में सरकारें नाकाम, मददगारों के पीछे लगी पुलिस

कोरोना के खिलाफ जंग में सरकारों की तैयारी बुरी तरह फेल साबित हुई है. लगभग एक महीने से अस्पतालों में बेड, ऑक्सिजन, ज़रूरी दवाओं और इंजेक्शन की भारी कमी है. यहां तक कि मरीजों को लाने या ले जाने के लिए ऐम्बुलेंस और अंतिम संस्कार में भी धांधली चल रही है. ऐसे में तमाम आम और खास लोग समाज की मदद के लिए आगे आए हैं. सचमुच मदद कर पा रहे इन लोगों की पीठ ठोंकने और इनसे सीखने की बजाय सरकारें इन्हीं के पीछे पड़ रही हैं.

ताज़ा मामला दिल्ली के विधायक दिलीप पांडे का है. दिलीप पांडे ट्विटर पर काफी सक्रिय हैं. आम लोगों के अलावा सभी पार्टियों के लोग भी उनसे मदद मांग रहे हैं. ट्विटर से जानकारी मिलने के बाद दिलीप और उनके जैसे बहुत सारे लोग बीमारों और उनके परिवारों की मदद कर रहे हैं. लोगों को बेड, ऑक्सीजन या ज़रूरी दवाएं दिलाने की कोशिश कर रहे हैं.

दिल्ली पांडे को क्राइम बांच ने भेजा नोटिस

इसी बीच, दिलीप पांडे ने बताया है कि उन्हें दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का एक नोटिस मिला है. नोटिस में दिलीप पांडे से पूछा गया है कि उन्होंने जो दवाएं और ऑक्सिजन सिलिंडर लोगों तक पहुंचाए वो कहां से मिले. इस पर दिलीप पांडे का कहना है कि वह लोगों की मदद कर रहे थे और करते रहेंगे. दिलीप पांडे ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘एक नही एक हज़ार बार पीड़ितों की मदद करूँगा, भले ही इस गुनाह के लिये मोदी-अमित शाह मुझे फाँसी चढ़ा दें.’

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ऐसा ही कुछ वाकया पिछले साल लोगों की मदद के लिए आगे आए अभिनेता सोनू सूद के साथ भी हुआ था. प्रवासी मजदूरों को अपने खर्च से बस से भेजने वाले सोनू सूद को पुलिस ने रोक लिया था. पुलिस ने उनसे कहा था कि वह लोगों को बस से नहीं भेज सकते. हालांकि, आखिर में सोनू सूद हजारों लोगों को बस से भेजने में कामयाब हुए.

ऑक्सीजन देने वाले युवक के खिलाफ यूपी में एफआईआर

हाल ही में उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक युवक ने अस्पताल के बाहर कोरोना के कई मरीजों को ऑक्सीजन देकर उनकी जान बचाई. मामला सुर्खियों में आया तो अस्पताल के सीएमएस की तहरीर पर युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया. मदद करने वाले विक्की अग्रहरि और उनके दो दोस्तों के खिलाफ धारा 144 और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन, महामारी फैलाने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया। सीएमएस डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि ओपीडी के बगल में मरीजों को लिटाकर युवक ऑक्सीजन दे रहा था, जबकि वह न तो इसके लिए अधिकृत था और न ही उसके पास कोई डिग्री है.

COVID-19 HELP (OXYGEN CYLINDERS)

अभी मंगलवार को ही बिहार में पप्पू यादव को तीन दशक पुराने एक केस में गिरफ्तार कर लिया गया. दरअसल, पप्पू यादव ने बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूड़ी के पास मौजूद कुछ ऐसी ऐम्बुलेंस का खुलासा किया गया था, जोकि किसी इस्तेमाल में नहीं आ रही हैं. पप्पू यादव, चमकी बुखार, बिहार बाढ़ और कोरोना की पहली लहर के दौरान भी लोगों की मदद करते देखे गए हैं. आखिर में इन सबको प्रशासनिक और राजनीतिक अड़चनों का सामना करना पड़ा है.

अपनी नाकामी का गुस्सा किसी और पर?

कुल मिलाकर यह साबित हो रहा है कि कोरोना काल में इन लोगों के मदद करने से सरकारें खुद को असहज महसूस कर रही हैं. क्योंकि इससे इनकी नाकामियां और खुलकर सामने आ रही हैं. वहीं, ये पूछताछ भी एकतरफा ही है. बीजेपी सांसद गौतम गंभीर के दवाएं बांटने को लेकर हाई कोर्ट तक ने सवाल उठाए, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. शायद ऐसे मौकों पर मदद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय जमाखोरों और मनमानी कीमत वसूलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है, लेकिन सरकारों को लोगों की जान से ज्यादा फिक्र अपनी छवि की है.