मैं राफेल बोल रहा हूं। हां मैं बोल सकता हूँ। मैं बोफोर्स दादा की तरह नहीं कि मैं सुनकर चुप हो जाऊं। मैं आपके देश के 2G या 3G की तरह भी नहीं हूं, जो बिना बोले सबको छोड़ दूं। मैं बोलूंगा और जोर से बोलूंगा, अगर आप सुन नहीं सकते तो अपने कान बंद कर लीजिए क्योंकि मेरी बातें आपको आहत कर सकती हैं।
बात तब की है, जब मैं बस एक विमान था। बस आपकी नीयत ने मुझे एक विमान से घोटाले में बदल दिया गया। अब मेरा नाम एक घोटाले के रूप में जाना जाएगा लेकिन जरा रुकिए, आईना देखिए। मुझे घोटाला बनाया, इसमें सबसे बड़ा हाथ उनका ही था, जो बोलते थे न खाऊंगा और न खाने दूंगा। मैं जानता हूं, मेरे घरवालों में भी कमी, वो इतना देरी से क्यों बोले? लेकिन मैं चुप नहीं रहूंगा, मैं आपकी राजनीति का रंग बदल दूंगा। जिससे आपको भी आगे से याद रहेगा कि जब किसी का दिल दुखता है, तो वो क्या करता है। मैं बोलता रहा कि मेरी नीलामी सरेआम करो, मैं जो हूँ वही रहना चाहता हूँ लेकिन मुझे किसी ने नहीं सुना। मेरे घरवालों ने भी मुझे देखकर अनदेखा कर दिया। मैं अंदर ही अंदर घुटता चला गया और मैंने बोलना बंद कर दिया लेकिन यह आपको थोड़ी पता है, यह तो बस उस कमरे की बात है।
मुझ से बोला गया चुप रहने के लिए और कहा गया कि हम तुम्हें सुरक्षा के नाम पर बचा लेंगे लेकिन मेरे चुप रहने पर मुझे और बदनाम किया गया।
इस पर सहबा अख्तर का एक शेर याद आता है साहब:
तुम ने कहा था चुप रहना सो चुप ने भी क्या काम किया?
चुप रहने की आदत ने कुछ और हमें बदनाम किया।
अगर मेरी बात पर यकीन नहीं तो तुम्हारे देश में RTIहै, पूछ लो साहब जी से क्योंकि मैं तो बाहर का हूँ? आप मुझपर यकीन कैसे करेंगे। अगर वो कुछ न बोले तो समझ जाना और सोचना कि मुझे घोटाला बनाने में मेरी गलती कहां थी।
आपको बता दूं, मैं जानता हूं कि यह काम उनके लिए किया गया है, जो आपको यहां तक लाए हैं। मैं आपको बता देना चाहता हूं कि आपने इस बार गलत पंगा ले लिया है। मैं वो नहीं हूं जो आपको इतनी आसानी से छोड़ दूं। अगर वो ला सकते है तो मैं मिटाने का दम रखता हूं। महाराज! 2019 दूर नहीं है, आपने मुझे घोटाला बना दिया, मैंने भी आपको चोर न बनाया तो मेरा नाम राफेल नहीं।